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पंजाब बजट में मार्कफेड और शुगरफेड पर फोकस

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने हाल ही में बजट पेश करते हुए सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई घोषणाएं कीं।

“मार्कफेड 13 स्थानों पर 1.75 लाख मीट्रिक टन की कुल क्षमता वाले नए गोदाम स्थापित कर रहा है, जिसके लिए चालू वित्त वर्ष में 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। छह गोदामों का निर्माण मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। मैं अगले वित्त वर्ष 2023-24 में शेष सात परियोजनाओं को पूरा करने के लिए फिर से 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखता हूं”, उन्होंने कहा।

चीमा ने आगे कहा, “शुगरफेड को राज्य के गन्ना उत्पादकों को भुगतान करने और सभी लंबित देनदारियों को चुकाने के लिए 400 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। मैं शुगरफेड के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में 250 करोड़ रुपये के और आवंटन  का प्रस्ताव करता हूं। हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने सहकारी चीनी मिलों के लिए चीनी कोटा बढ़ाने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष सफलतापूर्वक उठाया। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उनके प्रयासों से चीनी मिलों को 50 प्रतिशत का अतिरिक्त कोटा और निर्यात कोटा भी आवंटित किया गया है।

इसके अलावा, पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा, “मिल्कफेड एक तरफ गांवों में अपने खरीद नेटवर्क का विस्तार करेगा और दूसरी तरफ अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बाजार में उतारेगा। मिल्कफेड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए अगले वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखता हूं। हमारी सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में मिल्कफेड के कारोबार को 4,886 करोड़ रुपये से दोगुना करके वित्त वर्ष 2026-27 तक 10,000 करोड़ रुपये करने का इरादा रखती है।

“आपको यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि कच्चे पाम तेल के प्रसंस्करण के लिए एक नई 110 टन प्रति दिन (टीपीडी) फिजिकल रिफाइनरी और 100 टन प्रतिदिन टीपीडी वनस्पति प्लांट स्थापित किया जा रहा है और यह काम वित्त वर्ष 2023-24 में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में  मार्कफेड द्वारा सरसों की फसल के प्रसंस्करण के लिए बुढलाडा और गिद्दड़बाहा में दो नई तेल मिलें स्थापित की जाएंगी”, उन्होंने कहा।

चीमा ने कहा, “गन्ना किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए सरदार भगवंत सिंह मान जी ने राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली कीमत को बढ़ाकर 380 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। जबकि, हरियाणा ने 372 रुपये प्रति क्विंटल, उत्तर प्रदेश ने 350 रुपये प्रति क्विंटल और भारत सरकार ने केवल 305 रुपये प्रति क्विंटल (एफआरपी) कीमत तय की है।

सहकारिता क्षेत्र के हित में अपनी सरकार की पहलों को गिनाते हुए उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार ने कई संघर्षरत सहकारी संस्थाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद की। उदाहरण के लिए, पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक (पीएससीएडीबी) को अपनी देनदारियों को चुकाने के लिए 885 करोड़ रुपये प्रदान किया गये हैं ताकि वे अपने नाबार्ड से लिए गए ऋण का भुगतान कर सकें और पेंशनभोगियों के 2013 से लंबित देय लाभों का भुगतान कर सकें।”

उन्होंने कहा, “जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को उनके अच्छे काम को जारी रखने की सुविधा के लिए 135 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश की गई है। इसी तरह मिल्कफेड को 36 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।”

 

 

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