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वर्ष 2022 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान जयनंदन को

उर्वरक क्षेत्र की अग्रणी सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा वर्ष 2022 के ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति
इफको साहित्य’ सम्मान के लिए कथाकार जयनंदन के नाम की घोषणा की गई है।

जयनंदन का चयन श्रीमती चित्रा मुद्गल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय चयन समिति ने किया है।

जयनंदन का जन्म 26 फरवरी 1956 में बिहार के नवादा जिले के मिलकी गॉंव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। अब तक उनकी दो दर्जन
से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ‘श्रम एव जयते’, ‘ऐसी नगरिया में केहि विधि रहना’, ‘सल्तनत को सुनो गांववालो’, ‘विघटन’,
‘चौधराहट’, ‘मिल्कियत की वागडोर’, ‘रहमतों की बारिश’ जैसे उपन्यास तथा ‘सन्नाटा भंग’, ‘विश्व बाजार का ऊंट’, ‘एक अकेले गान्ही जी’, ‘कस्तूरी पहचानो वत्स’, ‘दाल नहीं गलेगी अब’, ‘घर फूंक तमाशा’, ‘सूखते स्रोत’, ‘गुहार’, ‘गांव की सिसकियां’, ‘भितरघात’, ‘मेरी प्रिय कथायें’, ‘मेरी प्रिय कहानियां’, ‘सेराज बैंड बाजा’, ‘संकलित कहानियां’, चुनी हुई कहानियां’,  ‘गोड़पोछना’, ‘चुनिंदा कहानियाँ’ आदि कहानी संग्रह प्रमुख हैं।

इसके अलावा उन्होंने नाटक और निबंध भी लिखे हैं। बिहार सरकार राजभाषा विभाग सहित अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है।

मूर्धन्य कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में वर्ष 2011 में शुरू किया गया यह सम्मान प्रत्येक वर्ष ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है
जिसकी रचनाओं में मुख्यतः ग्रामीण व कृषि जीवन का चित्रण किया गया हो।

इससे पहले यह सम्मान विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकांत त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर, रामधारी
सिंह दिवाकर, महेश कटारे, रणेंद्र और शिवमूर्ति को प्रदान किया गया है।

सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा ग्यारह लाख रुपये की राशि का चैक प्रदान किया जाता है। श्री जयनंदन को यह
सम्मान 31 जनवरी, 2023 को प्रदान किया जाएगा, इफको की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।

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