केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर, उन्हें स्कूलों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सहकारिता को विषय के रूप में शामिल करने को कहा है।
इस विषय पर एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश ने बताया कि “एक बार एचआरडी मंत्री यूजीसी को पत्र लिख देंगे तो फिर हम इस विषय पर सही कदम उठा सकेंगे।
देश के सहकारी आंदोलन के बारे में कृषि मंत्री ने लिखा कि “भारत का सहकारी आंदोलन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन है, जिसमें 10 लाख सहकारी समितियां है जिनके करीब 26 करोड़ लोग सदस्य हैं।
“सहकारिता को सशक्त बनाने पर मेरा सुझाव है कि इस आंदोलन से युवाओं को जोड़ा जाए और उन्हें स्कूलों और विश्वविद्यालयों में सहकारिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ और एनसीसीटी को स्कूलों और विश्वविद्यालयों से इस बारे में चर्चा करने को कहा और उन्हें सहकारी से संबंधित विषय पर अध्ययन कराने के लिए आग्रह करना चाहिए” राधा मोहन ने पत्र में लिखा।
सहकारी संस्थाएं अहम भूमिका निभा रही है क्योंकि यह सभी क्षेत्र जैसे कृषि, बैंकिंग, डेयरी, मत्स्य पालन में इसका अस्तित्व है।
सहकारी आंदोलन गरीबी को कम करने और रोजगार का अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रही है। भारत ही ऐसा देश है, जहां हर नागरिक को सहकारी समिति खोलने का कानूनी अधिकार है, मंत्री ने कहा।