उर्वरकों की कालाबाजारी बिहार में बड़े पैमाने पर थी और राज्य में कीमतों की वृद्धि का यही कारण था, जहां विक्रेता किसानों को डाइ-अमोनियम और फॉस्फेट यूरिया के साथ खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे, भाजपा विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा.
सिंह ने राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक अनुपूरक प्रश्न उठाया है और उन विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जो किसानों को अनावश्यक उर्वरक खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे. उन्होंने उर्वरकों की कालाबाजारी के खिलाफ मजबूत उपाय की आवश्यकता पर बल दिया.
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह विधायक को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार दोषी दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
उन्होंने कहा कि विधायकों और आम लोगों को भी उर्वरकों की बिक्री में अनियमितताओं को संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के ध्यान में लाना चाहिए.
राज्य में जिला स्तरीय निगरानी समितियां हैं जिसके सदस्यों में क्षेत्र के संबंधित विधायक भी होते हैं, ये समितियां उर्वरकों की कालाबाजारी पर रोक लागाने का काम करती हैं.
जब भारतीयसहकारिता.कॉम ने कृभको उपाध्यक्ष श्री चन्द्र पाल सिंह यादव के सामने उर्वरकों की कालाबाजारी का मुद्दा उठाया तो उन्होंने कहा कि कृभको केवल सहकारी समितियों के माध्यम से ही उर्वरक वितरित करता है और इस तरह कालाबाजारी का सवाल ही नहीं उठता.
उर्वरक की कालाबाजारी के रोक के मुद्दे पर श्री यादव ने कहा कि इसे किसी भी कीमत पर रोका जाना चाहिए.