शुक्रवार को श्री शरद पवार ने राज्य सभा में कहा कि सरकार नई भंडारण सुविधा स्थापित करने की प्रक्रिया में है जिसके लिए उपयुक्त कार्वाही कर रही है.
पर्याप्त सुविधा के अभाव में भारी मात्रा में खाद्यान्नों के बर्वाद हो जाने की दॄष्टि में भंडार गॄहों के निर्माण के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि सरकार ने नए भंडार गॄहों की जिम्मेवारी ले ली है और निविदा जारी कर रही है. श्री पवार ने कहा कि सरकारों को नए भंडार गॄहों के निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराने के लिए कहा जा रहा है.
श्री पवार ने फिर भी आगे कहा कि गरीबों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है क्योंकि मूलभूत सामग्रियां अभी भी गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को सन २००२ में निर्धारित दर पर बेची जा रही हैं. वॄहस्पतिवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को दिए जा रहे खाद्यान्न की मात्रा बढाने पर विचार करे. उचित दर की दुकानों को माह के तीसो दिन खोले और गरीबों में खाद्यान्न न्यूनतम मूल्य पर या बिना मुल्य के वितरित करे.
भंडारण सुविधा के अभाव के कारण १७.८ मिट्रिक टन खाद्यान्न जो १४० मिलियन लोगों के लिए एक माह के लिए पर्याप्त है, बर्वाद हो रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय ने सलाह दी है कि सरकार इन खाद्यान्नों को बर्वाद होने की अपेक्षा गरीबों को मुफ्त में बांट दे.