लंबे समय तक चले विचार-विमर्श के बाद, गोवा राज्य विधान सभा ने अंततः ‘गोवा लोकायुक्त 2011 विधेयक’ पारित कर दिया, जो सहकारी समिति और मुख्यमंत्री सहित अन्य सरकारी विभाग की जांच के लिए लोकपाल को अधिकार देता है.
लोकायुक्त स्वयं संज्ञान लेकर या शिकायत मिलने पर जांच कर सकता है. विधेयक में उल्लेख है कि प्रारंभिक जांच के बाद अगर लोकायुक्त को पता चलता है कि विस्तृत जांच के लिए उचित आधार हैं तो वह सरकार और सक्षम प्राधिकारी को शिकायत अग्रसारित कर सकता है.