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गांवों में विकसित हो बिजनेस हब: वेंकैया नायडू

भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों को  कृषि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ साथ आर्थिक गतिविधियों का का भी केंद्र होना चाहिए।

श्री नायडू सोमवार को विज्ञान भवन में वाई 4 डी फाउंडेशन द्वारा आयोजित न्यू इंडिया कॉन्क्लेव का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। यह एनजीओ वाई 4 डी फाउंडेशन स्किलिंग के जरिए शिक्षा और युवा रोजगार पर केंद्रित है।

उपराष्ट्रपति  ने कहा कि 21 वीं शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने और देश के विकास में जनसंख्या के  लाभांश से लाभ उठाने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और सही दृष्टिकोण को हासिल करने की जरूरत है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने की आवश्यकता है और किसानों को पोल्ट्री, बागवानी, सिरीकल्चर, मधुमक्खी पालन, डेयरी और दूसरों को आय में सुधार के लिए संबद्ध गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि  किफायती मूल्य पर ऋण की आसान उपलब्धता  गांवों में रहने वाले किसानों के लिए सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

एक देश के रूप में हम स्वतंत्रता प्राप्त करने के 70 साल बाद भी गांधीजी के सपनों को वास्तविकता में तब्दिल करने में नाकाम रहे हैं; उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में तेजी से विकास हुआ है जबकि ग्रामीण इलाकों में पिछड़ापन बरकरार है और इसी कारण देश में असंतुलित विकास हुआ है।

उपराष्ट्रपति ने जल्द से जल्द शहरी-ग्रामीण विभाजन को  पाटने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि अगले 10-15 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत अग्रसर हो सके।

इससे पहले, पिछले महीने भारतीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित 19वें वैकुंथ भाई मेहता मेमोरियल व्याख्यान के अवसर पर बोलते हुए श्री नायडू ने सार्वजनिक-निजी-सहकारी साझेदारी को विकास के एक व्यवहारिक मॉडल के रूप में बनाने की मांग की थी ।

“मैं पारंपरिक पीपीपी से अलग विकास का एक नया मॉडल प्रस्तावित करता हूं; यह पीपीसीपी होना चाहिए जो सार्वजनिक-निजी-सहकारी साझेदारी है। दर्शकों की भारी तालियों के बीच उपराष्ट्रपति ने कहा, “यह समय की जरूरत है”।

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