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यूसीबी: डब्ल्यूओसीसीयू का सिंगापुर सम्मेलन संपन्न

अंका वोनी की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व क्रेडिट यूनियन सम्मेलन हाल ही में सिंगापुर में संपन्न हुआ, जिसमें करीब 58 देशों के 1,400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत से एक भी सहकारी संगठन इस वैश्विक कार्यक्रम में भाग  लेने नहीं पहुंचा।

भारत में शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सहकारी समितियों का शीर्ष निकाय नैफकब(एनएएफसीयूबी) कुछ वर्षों तक डब्ल्यूओसीसीयू का सदस्य था, लेकिन सदस्यता शुल्क की बढ़ती लागत ने उसे इस संबंध को तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।

नैफकब के मुख्य कार्यकारी सुभाष गुप्ता ने कहा कि फीस के रूप में हर साल 10 हजार डॉलर देना होता था और नैफकब इतनी बड़ी रकम भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैI इतना ही नहीं नैफकब को आईसीए से भी अपनी सदस्यता वापस लेनी पड़ी जब वैश्विक संगठन ने 500 डॉलर प्रति वर्ष शुल्क बढ़ा दिया।

पाठकों को मालूम हो कि एनएएफसीयूबी फिलहाल नेतृत्व संकट में है और इसे कई तरह के मामलों में अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।

वोनी की रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर नेशनल को-ऑपरेटिव फेडरेशन (एसएनसीएफ) ने इस वर्ष के सम्मेलन की विश्व परिषद क्रेडिट यूनियनों (डब्ल्यूओसीसीयू) के संग मिलकर मेजबानी की।

इस सम्मेलन में भाग लिए प्रतिभागियों ने वकालत, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, विविधता, समावेशन, फिनटेक, नेतृत्व और उभरते रुझानों पर 50 अग्रणी उद्योग विशेषज्ञों को सुना।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, डब्ल्यूओसीसीयू की अध्यक्ष ब्रायन मैकक्रॉरी ने कहा: “हमें सहकारी भावनाओं के प्रति प्रतिबद्धता रखनी चाहिए क्योंकि कुशल व्यवसाय चलाने में इसकी जरूरत होती है।

हम सभी ये अच्छे से जानते हैं कि विश्व परिषद के सदस्य होने के नाते हमारे लिए ये आंदोलन व्यवसाय और सिर्फ पैसा कामाना नहीं है। हम अपने सदस्यों को एक गैर-लाभकारी सेवा प्रदान करने के लिए हर वक्त तैयार है, मैकक्रॉरी ने कहा।

उन्होंने प्रतिनिधियों को अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा बनाने पर बधाई दी औऱ कहा, “क्रेडिट यूनियन के नेताओं के रूप में, हम सामूहिक रूप से उच्चतम मानकों को सीखने, अपने कौशल में सुधार करने, परिवर्तन को गले लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उद्घाटन समारोह में माननीय अतिथि, सिंगापुर के रक्षा राज्य मंत्री, हेंग ची हे, ने तकनीकी नवाचारों और डिजिटल परिवर्तन को गले लगाने का सीख देते हुए बताया कि, “नई पीढ़ी की मांगों को पूरा करने के लिए प्रभावी ढंग से काम करने की जरूरत है।

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