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अम्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़े हजारों लोग

“वर्किंग वुमन्स फोरम” की संस्थापक जया अरुणाचलम की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 11 जुलाई को चेन्नई में एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। जया अरुणाचलम का निधन 29 जून को चेन्नई में हुआ था।

पूरे दक्षिण भारत से हजारों गरीब महिलाओं ने चेन्नई पहुंचकर अपनी प्रिय जयाम्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। महिला कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं, सिविल सेवकों, डॉक्टरों, सहकारी नेताओं, लेखकों और महिला संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

भारतीय सहकारी नेताओं के अलावा श्रीमती अरुणांचलम को इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) के वैश्विक अध्यक्ष एरियल ग्वारको ने उनके योगदानों को याद करते हुए एक संदेश लिखा।

एरियल ने लिखा इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) की ओर से मैं आपके परिवार और सभी भारतीय सहकारी महिला कार्यकर्ताओं के लिए अपनी संवेदना प्रकट करता हूँ। महिलाओं के स्वयं सहायता समूह आंदोलन की प्रणेता डॉ. अरुणाचलम ने सहकारी आंदोलन के विकास में मदद की और भारत और उससे आगे महिलाओं की उन्नति और सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ”आईसीए अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी को उन्हें और उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।”

इंटरनेशनल राइफिसेन यूनियन (दुनिया का सबसे पुराना सहकारी संघ) के बोर्ड ने भी श्रीमती जाया की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। आईआरयू के अध्यक्ष श्री डेपिकेरे ने कहा कि बोर्ड ने यूरोप में उनकी मृत्यु के 2 दिन बाद 4 जुलाई, 2019 को मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) जिनेवा के “सहकारिता विभाग” ने महिला श्रमिक सहकारी समितियों को गहरे नुकसान पर शोक प्रकट किया। इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस की “जेंडर इक्वैलिटी कमेटी” और दुनिया भर के सदस्यों ने गहरा दुख प्रकट किया।

नंदिनी आजाद, जो अंतिम संस्कार के बाद अस्थि प्रवाह के लिए परिवार और दोस्तों के साथ रामेश्वरम के रास्ते पर थीं, ने कहा कि जेसीसीयू के उपाध्यक्ष ने भी बोर्ड की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की और संवेदना भेजी।

अमेरिका, अर्जेंटीना, बेल्जियम, फिनलैंड, जर्मनी, इटली, लैटिन अमेरिका, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैंड, सिंगापुर, वियतनाम आदि देशों के सहकारी कार्यकर्ताओं ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की, आजाद ने कहा।

महिला सहकारी कार्यकर्ताओं/नेताओं के हितों को आगे बढ़ाने और सामाजिक सुधारों के लिए सहकारी समितियों का उपयोग करने में उनकी भूमिका की मीडिया ने सराहना की।

बता दें कि 29 जून, 2019 को डॉ. जया अरुणाचलम के निधन पर पूरे भारत और विश्व में सहकारिता ने एक बड़े नेता को खो दिया। वह गरीब महिलाओं और उनके अधिकारों की एक सशक्त रक्षक थीं। उन्होंने ऐसी संस्थाएँ बनाईं जो विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संचालित होती थीं जैसे कि “वर्किंग वीमेन फ़ोरम” (इंडिया)/ “इंडियन कोऑपरेटिव नेटवर्क ऑफ़ वूमेन” जिससे कई हज़ारों महिलाएं जुड़ी हैं।

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