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राधा मोहन सिंह ने सहकार भारती की बैठक में शिरकत की

सहकार भारती ने पिछले सप्ताह तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक का आयोजन किया, जिसमें रविवार को आयोजित समापन समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने शिरकत की।

सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने कहा कि “बिहार में सहकार भारती को मजबूत बनाने के लिए समारोह के आयोजन के लिए पटना को चुना गया था। वहीं अतीत में भारतीय सहकारिता से बातचीत में सहकार भारती के संरक्षक सतीश मराठे ने कहा था कि सहकार भारती बिहार राज्य में कमजोर है।

सहकार भारती का आयोजन पटना स्थित आईसीएम डी.एन. सिंह संस्था में किया गया था।

इस अवसर पर बोलते हुए, सिंह ने गरीबी को दूर करने में सहकारी क्षेत्र की भूमिका की सराहना की और कहा कि एनसीडीसी, राज्य के सहकारी आंदोलन को बल देने में सक्रिय है। एनसीडीसी राज्य सहकारी क्षेत्र में विकास के लिए कई योजनाएं तैयार कर रही है, मंत्री ने मीडियाकर्मियों को बातचीत में बताया।

सिंह ने कई पहल को रेखांकित किया जिसमें चावल मिलों का निर्माण, कीटनाशक के उत्पादन और सब्जियों की खेती के लिए महिलाओं के सहकारी समूहों को मजबूत बनाने समेत कई योजनाएं शामिल थीं।

“तीन दिवसीय कार्यक्रम में कई सत्रों का आयोजन किया गया और हमने राज्य के सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने पर चर्चा की”, ज्योतिंद्र मेहता ने फोन पर भारतीय सहकारिता को बताया।

सहकार भारती के संरक्षक सतीश मराठे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “कृषि प्रोसेसिंग, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से जुड़े मुद्दों, क्रेडिट सहकारी समितियों की स्थिति समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई”।

सत्र के दौरान यूसीबी के प्रति आरबीआई की नीतियां और शहरी सहकारी बैंकों के लिए अम्ब्रेला संगठन की स्थापना करने पर भी चर्चा हुई।

“पूर्वात्तर राज्यों में प्राथमिक दूध सहकारी संगठनों की स्थापना, 100 नए सहकारी दूध प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना करना, मत्स्य और बुनकरों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने पर भी बैठक में लंबे समय तक बहस चली”, मराठे ने कहा।

इस बैठक में राज्य सहकारिता अधिनियमों के आधुनिकीरण के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। समारोह में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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