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सिंह ने वैमनीकॉम की भूमिका की सराहना की

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि वैकुंठ मेहता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट सहकारी क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। सिंह ने ये बात इंस्टीट्यूट के स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने वैमनीकॉम संस्थान के अंतरराष्ट्रीय स्तर के छात्रावास का शिलान्यास भी किया।
 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहकारिता को महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभानी है। स्वर्गीय वैकुंठ भाई मेहता का भी सपना था कि किसानों की समस्याओं का समाधान हो। किसानों की स्थिति में सुधार के लिए सहकारिता को उन्होंने सुदृढ़ होना होगा। आशा है सहकारिता के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई योजनाओं को अपनाते हुए गांवों के किसानों को उन्नेतिशील व प्रगतिशील बनाया जा सकेगा, सिेह ने जोड़ा।
 
वैमनीकॉम की भूमिका पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रबंधकों की प्रशासनिक दक्षता और उनके निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाना, कृषि क्षेत्र से सम्बुद्ध सहकारिताओं के लिए युवाओं को व्यावहारिक अनुसंधान कार्य के माध्य‍म से किसानों और सहकारी संस्थाओं के लिए नीति निर्धारण हेतु परामर्श प्रदान करना है।
 
इसी के मद्देनजर मोदी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में नई संस्कृति की स्थापना की गयी है। यही संस्कृति 2022 तक संकल्प से सिद्धी की हमारी यात्रा को पूरा करेगा। कृषि क्षेत्र के विकास हेतु ग्राम के तहत देश के 22 हजार ग्रामीण बाजारों को जरूरी बुनियादी सुविधाओं से अपग्रेड करने और इन्हेंं एपीएमसी और ई-नाम प्लेटफार्म के साथ जोड़ने का कार्य प्रगति पर है, मंत्री ने अपने भाषण में कहा।
 
इन सभी योजनाओं के साथ – साथ कृषि के विकास हेतु बजटीय आवंटन में भारी वृद्धि करने के अलावा सरकार ने डेयरी,  कोऑपरेटिव,  मछली पालन, पशु पालन, कृषि बाजार, लघु सिंचाई योजना, जल-जीव प्रबंधन के आधारभूत ढांचे एवं व्यवस्था में सुधार हेतु कई सक्षम फंड बनाए हैं, उन्होंने रेखांकित किया।
 
श्री सिंह ने बताया कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई-नाम शुरू किया गया। ई-राष्ट्रीय कृषि विपणन (e-NAM)- इसके अंतर्गत 585 बाजारों में 1,86,15,139 मीट्रिक टन कृषि उत्पादों की ट्रेडिंग हुई है। इसके साथ ही अधिसूचित फसलों के लिए न्यू‍नतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में फसल लागत का कम से कम डेढ़ गुना वृद्धि की गई। इसके साथ ही सरकार के ‘हर खेत को पानी’ लक्ष्य के मद्देनजर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश भर में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जा रही है।
 
सिंह ने बताया कि वर्तमान कृषि विकास ने देश को आयातक राष्ट्र के बजाय एक निर्यातक राष्ट्र के रूप में स्थापित ही नहीं किया, बल्कि खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भरता और पोषण संबंधी सुरक्षा भी दी है।
 
मंत्रालय के कई अधिकारियों समेत अतिरिक्त सचिव वसुधा मिश्रा और सेंट्रल रजिस्ट्रार भी इस मौके पर उपस्थित थे। दिग्गज सहकारी नेता सतीश मराठे ने इस मौके पर मुख्य भाषण दिया।
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