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फसल अवशेष: रूपाला ने किसानों का किया धन्यवाद

भारतीय सहकारिता ने पहले एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि कैसे किसानों और सहकारी समितियों ने सरकार को फसल अवशेष जलाने की समस्या से निजात दिलाने में मदद की और सोमवार को सरकार ने उनका धन्यवाद किया।

पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए किसानों को धन्यवाद देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने सभी गांवों में फसल अवशेष जलाने के मामलों को शून्य पर लाना सुनिश्चित करने के लिए किसानों से आगे भी समर्थन देने और विचार प्रकट करने का अनुरोध किया। चार राज्यों के 1000 से ज्यादा किसानों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों के लिए पराली प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि इन राज्यों की सफलता की कहानियों को सभी किसानों के साथ साझा किया जाना चाहिए।

किसानों द्वारा साझा किए गए अच्छे अनुभवों को सुनने के बाद मंत्री ने अत्यधिक प्रसन्नता जाहिर की और उनसे अनुरोध किया कि वे इस सम्मेलन से सीखी गई बातों को लेकर अन्य किसानों को जागरूक करें। कई किसानों ने इस सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव और सुझावों को साझा किया। चार राज्यों के 1000 से ज्यादा किसानों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।

इससे पहले, वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकारों के प्रयासों का समर्थन करने और कृषि यंत्रीकरण के माध्यम से फसल अवशेषों के मौके पर ही प्रबंधन को आवश्यक मशीनरी को सब्सिडी देने की खातिर मंत्रालय द्वारा 2018-19 से 2019-20 की अवधि के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना लागू की गई है। इसके लिए कुल 1151.80 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि की व्यवस्था की गई है।

वर्ष 2018-19 के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार और आईसीएआर के लिए कुल 584.33 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। इन तीनों राज्य सरकारों ने व्यक्तिगत स्वामित्व के आधार पर किसानों को 32,570 मशीनों का वितरण किया और 7,960 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की।

किसानों और राज्य सराकारों की चिंताओं को दूर करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन आईसीएआर के सहयोग से किया गया था। डा. नागेश सिंह की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट के अनुसार, पराली जलाने की घटनाओं में साल 2018 में वर्ष 2017 एवं 2016 के मुकाबले क्रमशः 15% और 41% की कमी आई है।

इस सम्मेलन के दौरान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 20 किसानों का चिन्हित कृषि यंत्रों का उपयोग कर फसल अवशेषों के प्रबंधन में बहुमूल्य योगदान देने, साथ ही साथ अपने गांव के अन्य किसानों को फसल अवशेषों का मौके पर ही प्रबंधन कर उन्हें पराली न जलाने को प्रेरित करने के लिए सम्मान किया गया। इस दौरान कृषि राज्य मंत्री ने किसानों द्वारा 50 किलोमीटर के दायरे में स्थित सीएचसी की कस्टम हायरिंग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एक बहुभाषी मोबाइल एप ‘सीएचसी फार्म मशीनरी’ की भी शुरुआत की। यह एप किसानों का उनके इलाके की कस्टम हायरिंग सेवाओं से संपर्क कराएगा। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से किसी भी एंड्रायड फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

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