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एनसीसीएफ: कोर्ट के आदेश के बाद एजीएम का आयोजन

दिल्ली में उपभोक्ता सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीसीएफ ने एनसीयूआई मुख्यालय में अपनी वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया। बता दें कि उपभोक्ता मंत्रालय, जिसके तहत एनसीसीएफ संचालित होती है, ने अदालत से एजीएम पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

एनसीसीएफ ने अदालत में अपना पक्ष रखा और वार्षिक आम बैठक के तथ्य के बारे में समझाया। एनसीसीएफ ने अदालत को बताया कि शीर्ष निकाय की निरंतरता के लिए लेखापरीक्षा और खाता प्रस्ताव का पारित होना कितना जरूरी है।

संस्था के पूर्व अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि, “माननीय अदालत ने हमें लेखा परीक्षा और खातों से संबंधित मुद्दों पर एजीएम करने की इजाजत दी है और हम इसका पालन करेंगे। यह घोषणा उन्होंने सैंकड़ो प्रतिनिधियों के सामने कि जो मौजूदा हालात से बेहद निराश थे और मामले को जानने के लिए उत्सुक थे।

बैठक में शांति बनाने की कोशिश करते हुए चंद्रपाल ने कहा कि प्रश्न पूछने में कोई समस्या नहीं है लेकिन यह प्रश्न लेखा परीक्षा और खातों से जुड़े होने चाहिए। हालांकि, उन्होंने इस मौके पर एनसीसीएफ को पिछले एक साल में अपनी सदस्यता बढ़ाने पर बधाई दी। “हम चाहते हैं कि सरकार हमे समर्थन दे न कि हमारे विकास में रुकावट बने”, उन्होंने रेखांकित किया।

एनसीसीएफ नेतृत्व के बचाव में उतरते हुए बिस्कोमॉन अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि, “हमें बिजेन्द्र सिंह के नेतृत्व पर भरोसा है जिन्हे अपने कार्यकाल में किए गए उल्लेखनीय काम का श्रेय दिया जाता है। इन्ही की वजह से और चंद्रपाल सिंह की मदद से एनसीसीएफ का कार्यालय एनसीयूआई में स्थानांतरित किया जा सका। इन्हीं के कार्यकाल में सदस्याता बढ़ाने के लिए उप-नियमों में परिवर्तन को पारित किया गया और सदस्यों को एनसीसीएफ के साथ व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया”, सुनील ने बिजेन्द्र की तारीफ करते हुए रेखांकित किया।

“मैं बिजेन्द्र सिंह की हार न मानने की स्पिरिट को सलाम करता हूं। कल तक ऐसा लग रहा था कि एजीएम नहीं होगी लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अदालत से एजीएम आयोजन के लिए मंजूरी ले ली। संकट के इस दौर में हम सभी बिजेन्द्र सिंह के साथ खड़े है, सिंह ने कहा।

अब तक उपाध्यक्ष रहे बिरेंद्र सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। पाठकों को बता दें कि सरकार द्वारा बिजेन्द्र की सहकारी समिति को रद्द करने के बाद बिरेन्द्र सिंह ने अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है। 

बैठक में बोलते हुए नव निर्वाचित अध्यक्ष बिरेंद्र सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी के प्रावधानों को हर हाल में सुरक्षित रखा जाए। एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक सौकत अली से बिरेंद्र ने पूछा कि 8 करोड़ रुपये की एफडी में कमी कैसे आई। अब ये एफडी 6.80 करोड़ रुपये की हो गई है। बिरेन्द्र ने विस्तृत संपत्ति सत्यापन रिपोर्ट की मांग की क्योंकि ये 10 करोड़ रुपये का मामला है। बिरेन्द्र ने 24 करोड़ रुपये की अग्रिम का भी पूरा विवरण मांगा। एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक सौकत अली को उन्होंने सारे मामलों पर जवाब देने को कहा।

एजीएम को समाप्त करते हुए पूर्व अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने अगले वर्ष से 10-12 प्रतिशत लाभांश देने की कसम खाई। “हमारी सदस्यता में वृद्धि और न्यायपालिका में अविश्वसनीय विश्वास के चलते हमें उम्मीद है कि वो दिन दूर नहीं है जब एनसीसीएफ बुलंदियों को छुएगी”, उन्होंने कहा।

संस्था की एजीएम में एनसीसीएफ के निदेशक विशाल सिंह, जाने-माने सहकारी नेता जगजीत सागवान समेत अन्य लोग शामिल थे।

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