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नेफेड: बिजेन्द्र और सुनील अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित

बिजेंद्र सिंह नेफेड के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गये हैं वहीं सुनील कुमार सिंह और दलसुख पटेल को उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया। इनके नामों का ऐलान विशेष आम बैठक के दौरान एनसीयूआई के मुख्यालय में गुरुवार को किया गया।

एक कट्टर कांग्रेसी नेता होने के बाजूद सिंह ने नेफेड को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की प्रशंसा की और उनका धन्यवाद किया। बिजेन्द्र सिंह को नेफेड के अध्यक्ष के रूप में तीसरी बार चुना गया है। सिंह ने वी आर पटेल की जगह ली है।

बैठक के दौरान चंद्र पाल सिंह और दिलीपभाई संघानी ने बिजेंद्र सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा था। अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से निर्वाचित होने के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने उन पर विश्वास जताने के लिए बोर्ड के सदस्यों और अन्य लोगों का धन्यवाद किया।

बिहार से दिग्गज सहकारी नेता सुनील सिंह को दूसरी बार उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है और उनके समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद समर्थकों ने विजेताओं को माला पहनाकर उनका स्वागत किया।

नाम वापसी के दिन देर शाम एक मोड़ आया जब छत्तीसगढ़ के अजीत चंद्रवंशी ने शिकायत की कि उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया था। शिकायत पर चुनाव अधिकारी ने मतदान का आदेश दिया। सेंट्रल जोन से एक ही सीट पर चुनाव हुआ जिसमें मध्य प्रदेश से निवर्तमान निदेशक भंवर सिंह शेखावत और छत्तीसगढ़ के अजीत चंद्रवंशी मैदान में थे।

शुक्रवार सुबह हैदराबाद से चंद्र पाल सिंह यादव ने ‘भारतीयसहकारीता.कॉम” से बात करते हुए कहा कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुए और यहां तक कि व्हाट्सएप पर भेजी गई उनकी शिकायत को भी रिटर्निंग अधिकारी ने गंभीरता से लिया।

मतदान के दौरान लगभग 227 मतदाताओं ने अपना वोट डाला। शेखावत ने 198 वोट हासिल किये और चंद्रवंशी को केवल 11 मत मिले। 18 मत अवैध पाए गए। रिटर्निंग अधिकारी रविंद्रन ने परिणामों की घोषणा की।

एक हाई प्रोफाइल सहकारी नेता शेखावत के बहुत से समर्थक चुनाव के दौरान उपस्थित थे जबकि चंद्रवंशी के आसपास शायद ही कोई समर्थक मौजूद था। सुनील ने शेखावत से चुनावी राजनीति और सहकारिता राजनीति के अंतर को रेखांकित करते हुए कहा, “आप भाजपा से हैं, लेकिन पार्टी लाइन से हटकर सहयोगी आपका समर्थन कर रहे हैं”।

नेफेड के विजयी निदेशकों में सुनील कुमार सिंह (बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ), रणजीत पांडे (छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ), दिलीपभाई संघानी (गुजरात राज्य सहकारी विपणन संघ), पतंगये जयवंत राव (कर्नाटक राज्य सहकारी विपणन संघ) और श्रीमती स्वाति मीना नायक (आईएएस) (एमपी स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) शामिल हैं।

अन्य विजेताओं में गुरचेत सिंह (पंजाब राज्य सहकारी आपूर्ति और मार्केटिंग फेडरेशन), आदित्य यादव (यूपी सहकारी फेडरेशन), वाई मधुसूदन रेड्डी (आईएफएस) (आंध्र प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ), अभय कुमार (आईएएस) (राजस्थान स्टेट मार्केटिंग फेडरेशन) और थिरु एम. मुरगन (तमिलनाडु सहकारी संघ) शामिल हैं।

सोसाइटी के विजेता निदेशकों में बिजेंद्र सिंह, चंद्र पाल सिंह, उत्तरी क्षेत्र- जगजीत सिंह सांगवान, आर एस जून, वेस्टर्न ज़ोन- नानासाहेब दत्ताजी, दलसुख भाई पटेल, पूर्वी ज़ोन- विशाल सिंह और सिबी जे मणिपली-दक्षिणी क्षेत्र से शामिल हैं।

नेफेड की बोर्ड में 21 निदेशक होते हैं। अशोक ठाकुर को सरकारी नॉमिनी के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। एनसीसीएफ के प्रतिनिधि के नाम की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। नव निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल 5 वर्ष का है।

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