झारखखंड के जामताड़ा जिले में कुछ महिलाओं द्वारा सहकारी मॉडल को अपनाने से जुड़ी एक रिपोर्ट को पेश करने में भारतीय सहकारिता गर्व महसूस कर रही है। गौरतलब है कि जामताड़ा जिला झारखंड की राजधानी रांची से करीब 200 किलोमीटर दूर है।
ये सच्ची कहानी आरएसएस से जुड़ी महिला कार्यकर्ता गीता देवी की है जिन्हें ‘दीदी’ के नाम से जाना जाता है। दीदी सहकार भारती जामताड़ा जिला की प्रमुख है और उन्होंने जिले की महिलाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें महीने में 4 से 5 हजार रुपये कमाने का अवसर प्रदान किया है।
दीदी ने महिलाओं की 35 से अधिक स्व-सहायता समूहों की एक श्रृंखला स्थापित की है जिसमें 11-12 महिलाएं एक समूह में शामिल हैं। महिलाओं को अग्रबत्ती, हैंडवाश, डिटर्जैंट पाउडर, मशरूम और अन्य उत्पाद बनाने में प्रशिक्षित किया जाता है। झारखंड का सहकारी विभाग भी इस पहल में इनकी मदद कर रहा है।
दीदी ने फोन पर भारतीय सहकारिता के संवाददाता से कहा कि “वह आइस क्रीम प्लांट और डेयरी फार्म खोलने की भी योजना बना रही है जिस पर कुल खर्च 25 लाख रुपये का आएगा। उन्होंने इसके लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार किया है और वर्तमान में निवेशकों की तलाश कर रही हैं। उन्हें विश्वास है कि इससे महिलाओं के जीवन में बदलाव आएगा।
महिलाओं को कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है और इन कार्यक्रमों का आयोजन सहकार भारती और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा किया जाता है।
सूत्रों का कहना है कि स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाया गया उत्पाद “सहकार भारती” के नाम से बेचा जाता है और इन उत्पादों का विपणन महिला सदस्य द्वारा किया जा रहा है।