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विकास इफको की धमनियों में है: एमडी का वित्तीय वर्ष संवाद

खबर है कि सुस्त बाजार परिदृश्य के बावजूद, 2017-18 वित्त वर्ष में भी  इफकोअपने तरक्की के मार्ग से नहीं डिगा। संयंत्रों में  न्यूनतम ऊर्जा की खपत करते हुए इफको के सभी प्लांट ने न सिर्फ अपने उत्पादन लक्ष्य को हासिल किया बल्कि इस साल एकबार फिर इसका मुनाफा 1000 करोड़ रुपये पार जाने की संभावना  बताई जा रही है। भाव-विभोर इफ्को प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी ने इस अवसर पर सभी शेयरधारकों को एक पत्र लिखा है, जिसे हम बिना छेड़छाड़ आपके सम्मुख पेश कर रहे हैंसंपादक

 मित्रों,

वित्त वर्ष 2018-19 के साथ इफको नई सहस्राब्दी में प्रवेश कर रही है । हमारी स्वर्ण जयंती यात्रा  के पश्चात यह हमारा पहला वित्त वर्ष है और इस कारण  इसका विशेष महत्व है।  हमारी यात्रा का अगला चरण चुनौतियों भरा होगा और अगर इसका मुक़ाबला करना है तो हमें सतत और अद्यतन रहते हुए निरंतर कुछ नया करते रहना होगा । इस मंत्र को अगर हम अपने रोज़मर्रा के कार्य में अपनाते हैं, तभी हम सहकारिता के प्राण तत्व अर्थात समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब हो सकेंगे।

जिन दूरदर्शी लोगों ने इस महान संस्था की नींव रखी, वे इस अनमोल मंत्र में अटूट आस्था रखते थे। इसके परिणामस्वरूप, इफको ने इंजीनियरिंग व प्रबंधन के क्षेत्र में ऐसे नये-नये कदम उठाये जो भारत में पहले कभी  नहीं उठाये गये थे ।  इन कदमों से ने केवल संगठन को बल्कि अर्थव्यवस्था और यहां तक कि पर्यावरण को भी फाइदा मिला । इसलिये,  मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप भी इस मंत्र को अपनायें ताकि  संगठन में दूरदर्शी सोच व सीखने की संस्कृति विकसित की जा सके ।

इस दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि कठिन बाजार परिदृश्य के बावजूद हमारी तकनीकी टीम ने वर्ष 2017-18 के दौरान 78.71 लाख मी.टन उर्वरकों (41.09 लाख मी.टन यूरिया और 37.61 लाख मी.टन कॉम्प्लेक्स उर्वरक) का उत्पादन किया। यही नहीं, हमारे सभी संयंत्रों ने पूर्ण क्षमता के उपयोग के साथ अपने उत्पादन लक्ष्य को हासिल किया और वह भी 5.454 जीकैल/मी.टन की न्यूनतम ऊर्जा खपत के साथ ।  हमारे समर्पित बिक्री दल ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 100 लाख मी. टन उर्वरकों की अतिरिक्त बिक्री की । अर्थव्यवस्था और पर्यावरण की वर्तमान स्थिति को देखते हुये यह आंकड़ा अच्छा कहा जायेगा। एक अच्छी प्रगति यह हुई है कि भारत के किसानों ने हमारे नये उत्पादों जैसे सागरिका, जैव-उर्वरकों और पानी में घुलनशील उर्वरकों को हाथों-हाथ लिया है। बाजार में इन उत्पादों की तेजी से बिक्री हो रही है । आगामी वर्षों में भी अपने इन स्वदेशी कृषि आदानों  पर हमारा ध्यान केन्द्रित रहेगा। मुझे विश्वास है कि अपने इन प्रयासों से हम वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान हम 1000 करोड़ रुपए  से अधिक लाभ अर्जित करने में कामयाब रहेंगे।  मैं इसके लिये वित्त विभाग की टीम को बधाई देता हूं ।इन गतिविधियों के अतिरिक्त, पिछला वित्त वर्ष 2017-18 उत्सवों का भी वर्ष रहा ।

इस दौरान हमने देश भर में अपने कर्मचारियों, सहकारी सदस्यों और किसानों का उनके अमूल्य सहयोग और समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया । इस उत्सवी माहौल में इफको के निदेशक मंडल ने अपने कर्मचारियों के वेतन संशोधन संबंधी प्रस्ताव का भी अनुमोदन  किया । मुझे यह बताते हुये खुशी हो रही है कि इस संशोधन के बाद, इफको भारतीय उर्वरक उद्योग में सर्वोत्तम वेतनमान देने वाली संस्था बन गयी है । तथापि संगठन के दीर्घावधिक विकास को ध्यान में रखते हुये हमें आने वाले समय में लागत कम करने हेतु कुछ कड़े कदम उठाने होंगे।

इस दिशा में आरंभिक कदम उठाते हुये हमने अपने विपणन ढांचे में कुछ परिवर्तन किया है ताकि विपणन चैनल के मुनाफे को बढ़ाया जा सके। हम अपने संयंत्रों में भी लागत नियंत्रण संबंधी तरीके अपना रहे हैं ।  इस क्रम में कारोबार को संगठित करते हुए नए-नए उत्पाद लाने की भी योजना है।

आने वाले वर्षों में भी ये प्रयास जारी रहेंगे और हमारी भावी प्रगति को सुनिश्चित करने में इनकी निर्णायक भूमिका होगी। सहकारिता को अग्रगामी और सशक्त बनाने की दिशा में नई पहल करते हुए हमारे निदेशक मण्डल ने हमारी आरजीबी में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान महिलाओं के लिए 5 % सीट आरक्षित करने का अनुमोदन दिया है।   लेकिन अपनी इन सफलताओं का आनंद लेते हुये हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम इस  सफलता को हल्के में न लें । बल्कि, हम समय के साथ अधिक विनम्र बनें तथा अपने कार्य के प्रति और समर्पित हो जायें । हमें प्रतिदिन कुछ ऐसा करना चाहिये जो छोटा हो परन्तु महत्वपूर्ण हो ।

अंत में, मैं आप सबको को नये वित्त वर्ष 2018-19 के लिये शुभकामनायें देता हूं । मैं हमारे अध्यक्ष श्री बलविन्दर सिंह नकई, हमारे उपाध्यक्ष श्री वी एच रादड़िया और निदेशक मंडल के सभी सदस्यों का उनके निरंतर सहयोग व मार्गदर्शन के लिये आभारी हूं । मैं इफको के कर्मचारियों, इफको कर्मचारी यूनियन व इफको ऑफिसर्स एसोसिएशन को भी उनके निरंतर समर्थन के लिये धन्यवाद देता हूं । इस क्रम में, मैं अपने संयुक्त उद्यम भागीदारों, उर्वरक विभाग, कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ भारतीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भी उनके समर्थन व सहयोग के लिये धन्यवाद देता हूं।

  (उदय शंकर अवस्थी)

 

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