महाराष्ट्र स्थित मल्टी स्टेट शेड्यूलड बैंक – जीपी पारसिक सहकारी बैंक का वित्त वर्ष 2018-19 संतोषजनक नहीं रहा क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में बैंक के शुद्ध लाभ में करीब 8 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इससे भी बड़ी बात यह है कि एनपीए में बढ़त के साथ-साथ एडवांसिस में कमी आई है।
इसका खुलासा बैंक की गडकरी रंगायतन नाट्यगृह, तलाओ पाली, ठाणे (पश्चिम) में आयोजित 48वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान किया गया।
इस संवाददाता से बात करते हुए, बैंक के चेयरमैन, रंजीत गोपीनाथ पाटिल ने कहा, “हालांकि हमने पिछले वित्तीय वर्ष यानि2018-19 में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन हम अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी योजना बना रहे हैं। मार्किट की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण, बैंक ने अपेक्षित ऋण का वितरण नहीं किया, जिसके कारण लाभ में गिरावट आई है”।
“निजी और भुगतान बैंक हमारे व्यवसाय को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहे हैं, इसलिए हम उनसे मुकाबला करने की योजना बना रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हम इस साल बेहतर प्रदर्शन करेंगे”, पाटील ने आगे कहा।
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ 43.04 करोड़ रुपये से घटकर 34.59 करोड़ रुपये रह गया है।
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान बैंक का अग्रिम 2206.92 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2017-18) से घटकर `2198.20 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल एनपीए 2.58% से बढ़़कर 4.97% हो गया। इसके अलावा बैंक ने एक बार फिर शुद्ध एनपीए को शून्य बनाए रखा।
बैंक का कुल कारोबार 6007.26 करोड़ रुपये रहा। बैंक की कुल जमा राशि 3529.48 करोड़ से बढ़कर 3809.06 करोड़ रुपये हो गई।
हालांकि, बैंक के कुल भंडार/निधि में 33.90 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जिससे बैंक की स्थिरता और समग्र साख भी बढ़ी है।
निदेशक मंडल भविष्य के विकास के लिए पर्याप्त पूंजी अनुपात बनाए रखने के लिए पर्याप्त लाभ वापस करने के बाद वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रो-राटा आधार पर 12% के लाभांश की सिफारिश कर रहा है।
2018-19 वित्तीय वर्ष के दौरान, बैंक ने मलाड (प.), मुंबई, साकीनाका, मुंबई, दीघा, नवी मुंबई, पेन, रायगढ़, शाहू पुतला, इचलकरंजी, जिंगपुर, कोल्हापुर में छह नई शाखाएँ खोली हैं। अब इसकी कुल 91 शाखाएँ हैं।
इस बीच बैंक ने दस नई शाखाएँ खोलने की स्वीकृति देने के लिए आरबीआई को प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जो अभी भी आरबीआई के विचाराधीन है।
महाराष्ट्र अरबन को-ऑपरेटिव बैंक्स फेडरेशन ने 2017-18 के दौरान 3,000 करोड़ रुपये से ऊपर के बैंक डिपॉजिट की श्रेणी में इस बैंक को ‘बेस्ट बैंक‘ का पुरस्कार दिया था।