पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का संचालन तेजी से हो रहा है और इसके माध्यम से किसान भूमि की पौष्टिकता के बारे में जानकारी पाते हैं और इसकी के अनुसार ऊर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं। यह निर्णय लिया गया है कि अगले तीन वर्षों में मिट्टी और बीज की जांच की सुविधाएं ऊर्वरक कंपनियों की 2000 मॉडल खुदरा दुकानों पर प्रदान की जाएगी।
उर्वरक कंपनियां सिटी कंपोस्ट की सह मार्केटिंग करेंगी। सिटी कंपोस्ट रासायनिक उर्वरकों की क्षमता बढ़ाता है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शहरी कचरे को कंपोस्ट खाद में बदलने की नीति को सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।
रासायनिक उर्वरक से मिश्रित उर्वरक बनाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत उर्वरक मिश्रण उत्पादन प्रमाण पत्र रखने वाली सहकारी समितियां उत्पाद शुल्क का भुगतान करती हैं। अब मिश्रित उर्वरक पर उत्पाद शुल्क में छूट दी गई है।
रियायती बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी)/प्रतिकारी शुल्क (सीबीडी) पर फास्फोरिक एसिड तथा जलरहित अमोनिया के आयात के लिए वास्तविक उपयोग शर्त तय की गई है।
उचित मूल्य पर गुणवत्ता संपन्न दवाइयां उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण चुनौती रही हैं। जेनेरिक दवाओं की सप्लाई में तेजी लाई जाएगी। 2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के अंतर्गत 3000 स्टोर खोले जाएंगे।
सरकार के मेक इन इंडिया अभियान में घरेलू मूल्य संबर्धन को प्रोत्साहित करने में सीमा और उत्पाद शुल्क ढांचा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी के अनुरूप सरकार ने कच्चे माल, उपकरणों तथा कुछ अन्य वस्तुओं पर सीमा और उत्पाद शुल्क में समुचित बदलाव का प्रस्ताव किया है ताकि लागत में कमी हो और रसायन तथा पेट्रोरसायन तथा अन्य क्षेत्रों के घरेलू उद्योग में स्पर्धा बढ़ सके।