ताजा खबरेंविशेष

बिचौलियों से निपटने के लिए वामनिकॉम ने सिखाए गुर

मछली और मछली उत्पादों की मार्केटिंग करना उतना ही चुनौतीपूर्ण है जितना कि कृषि उपज का विपणन करना होता है। किसानों को अपनी उपज का बहुत कम मूल्य मिलता है जबकि बिचौलिये अधिक लाभ कमाते हैं। इस संदर्भ में पुणे स्थित वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (वामनिकॉम) ने मछली और मछली उत्पादों के विपणन से जुड़े लोगों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

संस्थान की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “मछली और मछली उत्पादों के विपणन पर राष्ट्रीय कार्यशाला” का आयोजन राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद के सहयोग से किया गया था।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार,नेशनल फेडरेशन ऑफ फिशर्स कोऑपरेटिव्स (फिशकोफेड) भी एक सहयोगी था। डॉ. डी. महल कार्यशाला निदेशक थे।

कार्यक्रम का उद्घाटन मध्य प्रदेश मत्स्य महासंघ मर्यादित,भोपाल के प्रबंध निदेशक,एम एस एफ धाकड़, आईएफएस, रामदास पी. संधे – उपाध्यक्ष,राष्ट्रीय फेडरेशन ऑफ फिशर्स कोऑपरेटिव्स,नई दिल्ली,डॉ. के के त्रिपाठी, आईईएस, निदेशक, वामनिकम, पुणे ने किया।

इस कार्यक्रम में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह,केरल,महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,ओडिशा और तेलंगाना के चालीस प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में अंतर्देशीय और समुद्री मत्स्य सहकारी क्षेत्र के संबंध में महत्वपूर्ण सिफारिशों पर सहमति हुई।

डॉ. के के त्रिपाठी ने समापन भाषण दिया।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close