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नागालैंड राज्य सहकारी बैंक विकास की राह पर

उत्तर-पूर्वी राज्यों में सहकारी आंदोलन काफी कमजोर है लेकिन नागालैंड राज्य सहकारी बैंक की प्रगति से उम्मीद की किरण जगी है। बैंक के उपाध्यक्ष केचवांगुले ली ने बताया कि बैंक ने 2020 तक 15 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त करने और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी शाखाओं का विस्तार करने का संकल्प लिया है।

नागालैंड से “भारतीय सहकारिता” संवाददाता के साथ टेलीफोन पर बातचीत में बैंक के उपाध्यक्ष ने बताया कि, “वित्त वर्ष 2018-19 में हम 9.07 करोड़ रुपये के लाभ की उम्मीद हैं और 2020 तक इस राशि को बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, अधिक से अधिक किसानों को साथ लाने और उनको गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए हम ग्रामीण क्षेत्रों में अपने कार्य का विस्तार करेंगे”, उन्होंने कहा।

उन्होंने रेखांकित किया, “हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पैक्स को भी सशक्त बनाएंगे। स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने की दृष्टि से बैंक मुख्य रूप से महिलाओं के बीच पैक्स को बढ़ावा देगा। हम इन समूहों को उचित ब्याज दरों पर ऋण देंगे”।

ली ने आगे कहा, “नागालैंड में दो स्तरीय प्रणाली है और 3,500 से अधिक पैक्स बैंक के सदस्य हैं। नागालैंड में पैक्स की कुल संख्या 7,000 से अधिक है और उन्हें मजबूत बनाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है।”

ली ने जोर देकर कहा कि, “हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मैं एनपीए के संदर्भ में काफी निराश हूं। हमारे लिये ऐसे उधार लेने वालों का पता लगाना एक कठिन काम हो गया है जो लंबे समय पहले हम से जुड़े थे। इससे एनपीए को कम करने के हमारे प्रयास कमजोर पड जाते हैं। फिर भी, हमने उम्मीद नहीं छोडी है और अपने एनपीए को सीमित रखने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक की जमा राशि 686.27 करोड़ रुपये से बढ़कर 784.46 करोड़ रुपये हो गयी और 14.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि 31 मार्च 2019 को ऋण और एडवांस की राशि 425.28 करोड़ रुपये से बढ़कर 504.35 करोड़ रुपये हो जाने से इसमें 18.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

बैंक का कुल कारोबार 1,288.81 करोड़ रुपये का रहा। नागालैंड राज्य सहकारी बैंक (एनएससीबी) की स्थापना 4 नवंबर 1966 को हुई थी और राज्य में इसकी 21 से अधिक शाखाएँ हैं।  बैंक नवीनतम तकनीकी से लैस है और अपने ग्राहकों की सभी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है।

भारत की सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया ने उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में सहकारी आंदोलन को जागृत करने के लिए कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया है।

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