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इथियोपिया, नेपाल और बांग्लादेश के प्रतिनिधियों ने एनसीयूआई का किया दौरा

इथियोपिया, नेपाल और बांग्लादेश की सहकारी समितियों से कम से कम 13 वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में भारत में स्थित सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई का दौरा किया। एनसीयूआई ने प्रतिनिधियों के लिए लिए 11 जून 2019 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

इस अवसर पर एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्य नारायण ने बताया कि भारत का सहकारी आंदोलन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन है। भारत में करीब 8 लाख सहकारी समितियों हैं। सहकारी समितियों ने हरित और श्वेत क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाई है और अब ब्लू क्रांति लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।

एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी ने आगे कहा कि सहकारिता के सात सिद्धांत हैं। यह बताते हुए कि आपदा जोखिम प्रबंधन में सहकारी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम हैं, उन्होंने कहा कि एक प्रभावी व्यवसाय मॉडल के रूप में सहकारी समितियां आय की असमानताओं को कम कर सकती हैं और समाज में शांति को बढ़ावा दे सकती हैं।

एनसीसीई के निदेशक डॉ. वी.के. दुबे ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी को उजागर करने वाली एक प्रस्तुति पेश की, जिसमें एनसीसीई की गतिविधियों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहकारी शिक्षा को लोकप्रिय बनाने में की गई पहल सहित सहकारी शिक्षा को बढ़ावा देने में एनसीयूआई की भूमिका शामिल थी। 

इन देशों के अधिकारियों ने इससे पहले गुड़गांव स्थित लक्ष्मण राव इनामदार नेशनल एकेडमी फॉर कोऑपरेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट, गुड़गांव (एलआईएनएसी) द्वारा आयोजित ‘डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट मेनस्ट्रीमिंग एंड कोऑपरेटिव डेवलपमेंट’ पर दो सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया था।

इस अवसर पर उपस्थित एलआईएनएसी के सलाहकार श्री अश्विनी कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। डॉ. ए आर श्रीनाथ, निदेशक, एनसीसीई ने कार्यक्रम का समन्वयन किया।

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