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आदर्श को-ऑप चार्जशीट में मोदियों पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप

राजस्थान आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर की गई चार्जशीट में मोदियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी ने संस्था से जुड़े लाखों निवेशकों को धोखा दिया है। जांच अधिकारियों में से एक अधिकारी ने कहा,“यह सबसे बड़ा सहकारी सोसायटी घोटाला है”, टीओआई के हवाले से खबर

26 हजार पेज की चार्जशीट में ईओडब्ल्यू ने माना कि सोसायटी की देशभर में 806 शाखाएं खोलकर एजेंटों के माध्यम से निवेशकों से पहले तो पैसा जमा किया गया और फिर अपने रिश्तेदारों के नाम से 187 फर्जी कंपनियां बनाकर रकम आपस में लोन देने के बहाने बांट ली।

कहा जाता है कि जांचकर्ताओं ने निवेशकों के बयानों के साथ-साथ कंप्यूटरों की प्रविष्टियों को अपने कब्जे में किया है। उन्होंने कहा, ‘फंड के डायवर्जन से जुड़े पर्याप्त सबूत हैं।’

राजस्थान के सिरोही से शुरु आदर्श क्रेडिट का मुख्यालय अहमदाबाद में है और इसकी शाखाएँ हरियाणा में भी हैं। कहा जाता है कि इसके सत्तर प्रतिशत से अधिक निवेशक राजस्थान के हैं।

पिछले महीने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ में निवेश करने वाले सैकड़ों लोगों ने जयपुर में घाट गेट के पास स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था।

उन्होंने एसओजी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने एसओजी के महानिदेशक को एक ज्ञापन भी दिया था। मोदियों पर सहकारी के नाम पर 20 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को ठगने का आरोप है।

आदर्श क्रेडिट के को-फाउंडर चेयरमैन श्री मुकेश मोदी और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर पोंजी स्कीम चलाने और कई फर्जी कंपनियां बनाकर 8400 करोड़ रुपये को इधर से उधर किया था सूत्रों का कहना है कि इकोनॉमिक विंग को निजी व्यक्तियों के खातों में धनराशि के अंतरण के साबूत मिले हैं।

आदर्श कांड के आरोपी मुकेश मोदी को बीजेपी और आरएसएस का सदस्य बताया जाता है। यह भी अफवाह उड़ाई जा रही है कि भाजपा के मजबूत नेता अमित शाह और मुकेश के बीच फूट पड़ गई है, जिससे उनके खिलाफ वर्तमान कार्रवाई शुरू हुई है।

दूसरी ओर एबीपी न्यूज को घोटाले को उजागर करने का श्रेय दिया जाता है। यह कहा जाता है कि आदर्श क्रेडिट के असंतुष्ट कर्मचारियों में से एक ने भ्रामक दस्तावेजों के साथ चैनल से संपर्क कियाजो शीर्ष प्रबंधन को नाकाम करने के लिए पर्याप्त था।    

सच्चाई जो भी होतथ्य यह है कि निवेशक अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने के लिए लिए दर-दर कि ठोकर खाने को मजबूर है।

मुकेश मोदी के भतीजे राहुल मोदी ने एमडी के रूप में सहकारी संगठन का नेतृत्व किया और आदर्श के विषम दिनों में निवेशकों को सब्ज-बाग दिखाये। कनिष्ठ मोदी दिल्ली के सहकारी सम्मेलनों में एक नियमित भागीदार थे, जहां वे एक अत्यधिक सफल सहकारी संचालक के रूप में दिखाई देते थे। अफसोस! उनकी करतूत अब सामने आ गयी।

फिलाहाल लिक्विडेटर एच एस पटेल आदर्श क्रेडिट के परिसमापन की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैंजबकि केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय के पास मामले पर कोई अद्यतन सूचना नहीं है। इसकी वेबसाइट पर सूचना है, “परिसमापन चल रहा है”, जिससे लाखों निवेशक अपने भविष्य के बारे में अनिश्चित हैं।

यूएसए में रहने वाले एक एनआरआई का कहना है कि अगर यह मामला किसी भी विकसित देश में होतातो सरकार स्थिति पर प्रति घंटा नहीं तो, रोजाना अपडेट बताती। हमें सरकार की धीमी प्रतिक्रिया पर भी नाराजगी है क्योंकि एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरता जब “भारतीय सहकारिता” डेस्क को गरीब निवेशकों से मेल नहीं मिलते। यह उचित समय है कि केंद्र सरकार ने निवेशकों को अपने पैसे की वसूली में मदद करने के लिए तत्परता के साथ कदम रखा।

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