ताजा खबरेंविशेष

क्या एनसीडीसी निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी देगा ऋण?

एनसीडीसी के ऋण देने के मानदंड में एक मूलभूत परिवर्तन होने की खबर ने सहकारी नेताओं को संशय में डाल दिया है जिनमें से कई नेताओं ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है और सरकार से संपर्क साध रहे हैं। मामला एनसीडीसी की ओर से निजी क्षेत्र की कंपनियों को ऋण देने से संबंधित है।

हालांकि अभी तक सरकार ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। “भारतीयसहकारिता” को सूत्रों से पता चला है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने एनसीडीसी के कार्यक्षेत्र का विस्तार करने के लिए निजी क्षेत्र को शामिल करने का विचार रखा है।

इस बीच कई नेताओं ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा, यदि निजी क्षेत्रों को एनसीडीसी से ऋण लेने की अनुमति दी जाती है, तो सहकारी निकायों के लिए कुछ नहीं बचेगा। देश में कई बैंक और वित्तीय संस्थान हैं जहाँ से निजी क्षेत्र ऋण ले सकता हैं, फिर सहकारी क्षेत्र से एनसीडीसी का ध्यान क्यों हटाया जा रहा है? उन्होंने पूछा।

इसके विरोध में सहकार भारती ने न केवल सरकार को पत्र भेजा है बल्कि देश भर में स्थित सभी राज्य सहकारी संघों को पत्र लिखा है। संघों से कहा गया है कि सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया जाना चाहिए।

“हमने इस संदर्भ में एक पत्र तैयार किया है, जो पहले ही माननीय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिया जा चुका है, सहकार भारती के वरिष्ठ नेता सतीश मराठे ने कहा। इस मुद्दे पर सभी को एक मंच पर आने की आवश्यकता है।

स्मरणीय है कि एनसीडीसी देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए न केवल सहकारी परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए सबसे आगे रहा है, बल्कि कमजोर सहकारी समितियों को सहयोग देने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

एनसीडीसी के वर्तमान एमडी सुदीप नायक के प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करने और सहकार से सहकार (सी2सी) व्यापार मॉडल को प्रोत्साहित करते हुए एनसीडीसी के आधार का विस्तार करने के लिए उठाए गए कदम की सराहना करते हुए, सहकार भारती के नेताओं ने कहा कि यदि एक बार निजी क्षेत्र परिदृश्य में प्रवेश कर गया तो, उनके (एमडी के) सारे प्रयास निष्फल हो जाएँगे।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनसीडीसी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में एक अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले का आयोजन किया था, जिसमें कई देशों ने भाग लिया था। विशेषज्ञों ने कहा कि सी2सी बिजनेस मॉडल के नवीन विचार को मेले से बढ़ावा मिला।

यहां तक कि लॉकडाउन के दौरान भी, एनसीडीसी डिजिटल साधनों के माध्यम से सहकारी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का आयोजन कर रहा है।

“भारतीयसहकारिता” को सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि निजी क्षेत्र को अपने ग्राहकों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को एनसीडीसी ने नहीं प्रस्तुत किया है। परंतु यदि यह विषय केंद्रीय मंत्रालय के भीतर विचाराधीन होगा तो एनसीडीसी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता है।

इस बात की आशंका है कि सहकारी मॉडल में कत्तई विश्वास नहीं रखने वाले मंत्रालय के कुछ अति उत्साही बाबू देश में एकमात्र सहकारी ऋण देने वाली संस्था को समाप्त करने का षड्यंत्र रच सकते हैं।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close