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बनास डेयरी के पशुपालकों ने पीएम फंड में दिये 7 करोड़ रुपए

गुजरात स्थित बनास डेयरी से जुड़े पशुपालकों ने पीएम केयर्स फंड में 7.14 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में सहकारी क्षेत्र के योगदान को रेखांकित करते हुये, डेयरी के अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों से की गई अपील को गंभीरता से लेते हुये हमने पीएम केयर्स फंड में योगदान दिया है।”

पीएम केयर्स फंड में सहकारी क्षेत्र से इतने अधिक योगदान देने में केवल इफको है जिसने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

इस खबर ने बनास डेयरी से जुड़े सहकारी नेताओं के बीच उत्साह का माहौल उत्पन्न कर दिया। बता दें कि बनासकांठा जिले के 2 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक परिवारों ने अपनी दुग्ध-आय में से 7.14 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

सोशल मीडिया के माध्यम से योगदान की खबर को साझा करते हुए डेयरी के अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा, “आदरणीय पीएम श्री @ narendramodi जी, आपके आह्वान का सम्मान करते हुए, बनासकांठा जिले के 207134 दुग्ध उत्पादक परिवार, जो इस डेयरी से जुड़े हैं, ने अपने दूध की आय में से 7.14 करोड़ रुपये का योगदान पीएम केअर्स फंड में दिया है। धन्यवाद”।

इस बीच, योगदान की खबर सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हो गयी, जहां हर किसी ने कोरोनोवायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में सहयोग देने के लिये डेयरी सहकारी संस्था के प्रयासों की सराहना की।

चौधरी के एक फॉलोवर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सभी दुग्ध उत्पादकों और बनास डेयरी के नेता श्री शंकरभाई चौधरी का राष्ट्र में इस तरह की महत्वपूर्ण परिस्थितियों में इस अद्भुत पहल के लिए धन्यवाद। गर्व महसूस करता हूँ। जय माताजी”।

“दुग्ध उत्पादक परिवारों का हिस्सा होने और हमारे देश को कोविड-19 की कठिन स्थिति में मदद करने के लिए गर्व महसूस कर रहे हैं। शंकरभाई! हमें प्रेरित करने के लिए धन्यवाद“, एक अन्य ने लिखा।

इसके अलावा, बानस डेयरी ने डिसइन्फेक्शन टनल भी विकसित की है।

बता दें कि अतीत में जीसीएमएमएफ के अध्यक्षों में से एक पार्थीभाई भटोल, जिन्होंने अमूल के एमडी बी एम व्यास को बाहर करने की लड़ाई लड़ी थी, मूल रूप से भटोल बनास डेयरी से ही तालुक रखते हैं।

बनास डेयरी उन 17 जिला यूनियनों में से एक है जो गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ़) की सदस्य हैं। जीसीएमएमएफ अपने उत्पाद अमूल ब्रांड के नाम से बेचती है।

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