विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, अमूल ब्रांड नाम से दूध व डेयरी उत्पादों की बिक्री करने वाली कंपनी “गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन” ने वित्त वर्ष 2019-2020 में अपने कारोबार में 17% की वृद्धि की है। कंपनी का कारोबार 38,550 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
संस्था ने कई कॉरपोरेट कंपनियों को पछाड़ते हुये, समय पर अपना वार्षिक लेखा-जोखा तैयार किया जिसे कई लोग आश्चर्यचकित हैं।
इस बीच जीसीएमएमएफ के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा, “विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, इस साल हमने अपने कारोबार में 17% की वृद्धि दर्ज की है।”
पाठको को याद होगा कि जीसीएमएमएफ का वार्षिक कारोबार पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 33,000 करोड़ रुपये का था लेकिन संस्था ने अगले कुछ वर्षों में इसे बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये करना का लक्ष्य रखा है।
बुधवार शाम को भेजी गई एक प्रेस विज्ञप्ति में जीसीएमएमएफ़ ने कहा, “गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड, जो दूध और डेयरी उत्पादों की ब्रिकी अमूल ब्रांड के नाम से करती है, ने 31 मार्च 2020 की समाप्ति तक 38,550 करोड़ रुपये का कारोबार किया है।”
“अमूल फेडरेशन का इस वर्ष का टर्नओवर पिछले वित्त वर्ष के 32960 करोड़ रुपये से 17% अधिक है। जीसीएमएमएफ के एमडी आरएस सोढ़ी ने “भारतीयसहकारिता” को बताया।
अमूल फेडरेशन अधिक दूध खरीद, नए बाजारों को जोड़ने, नए उत्पादों को लॉन्च करने और पूरे भारत में नई दूध प्रसंस्करण क्षमताओं को जोड़ने के लिए निरंतर विस्तार के कारण लगातार पिछले 10 वर्षों से 17% से अधिक की वार्षिक वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) प्राप्त कर रहा है।
अमूल फेडरेशन और इसके 18 सदस्यीय यूनियनों का प्रोविजनल समूह-कारोबार 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जो पिछले साल की तुलना में 17% अधिक है, सोढ़ी ने कहा।
अमूल फेडरेशन के 18 सदस्यीय संघ के पास गुजरात के 18,700 गाँवों में 36 लाख से अधिक किसान सदस्य हैं।
यह बताना महत्वपूर्ण है कि अमूल फेडरेशन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेयरी उत्पादों के लिए प्रतिकूल बाजार स्थितियों के बावजूद अच्छा कारोबार हासिल किया है।
पाठकों को ज्ञात होगा कि जीसीएमएमएफ़ ‘अमूल’ ब्रांड के नाम से मक्खन, घी, दही, छाछ, लस्सी, सुगंधित दूध और चॉकलेट जैसे उत्पाद बेचता है। सोढ़ी का कहना है कि जीसीएमएमएफ अपने कारोबार को बढ़ाने के लिये अपने कारोबार का लगातार विविधिकरण कर रहा है।
सोढ़ी ने कहा कि डेयरी क्षेत्र का दावा है कि यह देश में खाद्य उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जो लगभग 100 मिलियन डॉलर का है और संगठित क्षेत्र में अब तक 9 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन कुछ वर्षों में 30 करोड़ लीटर तक हो सकता है।
अमूल ने अपने उच्च व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हाल ही में कई नये उत्पादों को लॉन्च किया है।