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जैविक खेती का विकास रासायनिक उर्वरकों को नहीं करेगा प्रभावित

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा कि देश में जैविक खेती के तहत समग्र क्षेत्र बहुत कम है और इसलिए यह रासायनिक उर्वरक उद्योग को प्रभावित नहीं करेगा। 

हालांकि, मंत्री को लगा कि जैव उर्वरक की आवश्यकता नियत समय में बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार मिट्टी परीक्षण आधारित सिफारिशों पर औरगानिक उर्वरक, बायो-उर्वरक के साथ उर्वरक के संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा दे रही है।

वर्ष 2018-19 के दौरान यूरिया, डीएपी, एमओपी, कॉम्प्लेक्स और एसएसपी जैसे प्रमुख उर्वरकों की अखिल भारतीय खपत 562.09 एलएमटी थीतोमर ने रेखांकित किया।

रासायनिक मुक्त होने और इसलिए सुरक्षित होने के कारण जैविक खाद्य की मांग बढ़ रही है। जैव उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सरकार दो समर्पित योजनाओं- जैसे कि मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (एमओवीसीडीएनईआर) और परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत जैविक खेती को 2015 से राज्य सरकारों के माध्यम से बढ़ावा दे रही है, मंत्री ने बताया।

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