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यूएलसीसीएस, एल एंड टी का एक लघु केरल संस्करण: आईआईटी प्रोफेसर

आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर आर गोपालकृष्णन ने केरल स्थित श्रमिक सहकारी संस्था यूरालुंग लेबर कॉन्ट्रैक्ट कोऑपरेटिव सोसायटी के कार्यों की सराहना की और कहा है कि समृद्धि के लिए भारत में कई और यूएलसीसीएस की आवश्यकता है।

बिजनेस स्टैंडर्ड में छपे एक लेख में गोपालकृष्णन कहते हैं कि,यूएलसीसीएस यानि यूरालुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड जिसका नाम केरल के बाहर, पाठकों ने नहीं सुना होगा। वास्तव में, नाम का सही उच्चारण करने में कठिनाई भी हो सकती है। इस संस्थान को केरल के कोझीकोड जिले के उरुंगल में 1925 में गुरु वाग्भटानंद नामक एक समाज सुधारक द्वारा शुरू किया गया था।

“1920 और 1930 के दशक में कई श्रमिकों ने अपनी नौकरी खो दी थी। रोजगार पाने के लिये और अपने जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से श्रमिकों ने निर्माण परियाजनाओं को शुरू करने के लिये एक सहकारी समिति का गठन किया। इसी तरह सन् 1946 में त्रिभुवनदास पटेल ने कैरा जिला दुग्ध सहकारी समिति बनाई थी, प्रोफेसर ने कहा।

उन्होंने आगे लिखा कि, लगभग एक सदी पुरानी यूएलसीसीएस सभी संसाधनों से लैस है। संस्था लगभग 12,000 ग्रामीण श्रमिकों को काम दे रहा है और इसने पूरे केरल में पुलों और सड़कों की 6,500 परियोजनाओं का निर्माण किया है। इसके 3,000 करोड़ के ऑर्डर बुक हैं, और इसकी वृद्धि दर 25 फीसदी प्रति वर्ष है

अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के स्थायी सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाली यह पहली प्राथमिक सहकारी संगठन है। 95 वर्षों में, इसकी उपलब्धियां इतनी हैं कि इस संस्था पर यूएनडीपी एक फिल्म बना रही है। कुछ हद तक यूएलसीसीएस को केरल का मिनी एलएण्डटीकहा जा सकता है”, प्रोफेसर ने कहा

इसके अलावा, डिजिटल युग में भी यूएलसीसीएस मजबूती से खड़ा है। इसके लोगो में रोड-रोलर खींचते हुए दो नंगी छाती वाले मजदूर दिखाई पड़ते हैं। गौरतलब है कि इस श्रम सहकारी संस्था ने आईटी नौकरियों को आकर्षित करने और स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए हाल ही में कालीकट में “यूएल साइबर पार्क” बनाया है।

इसके साथ-साथ यूएलसीसीएस ने एक “सहकारी कॉर्पोरेट” के रूप में “यूएल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस” की स्थापना की है, जिसमें जेआरडी टाटा का कथन- “टाटा समाजवादी कैपिटेशन” का प्रतिनिधित्व करता है” – प्रतिध्वनित होता है।  यूएल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस एआई और एनालिटिक्स, जीआईएस, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, आईओटी, ब्लॉकचेन और साइबर सिक्योरिटी पर काम करता है।

यूएल टेक्नोलॉजी सर्विसेज का नेतृत्व कुछ आईबीएम के पूर्व शीर्ष अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

भारत में यूएलसीसीएस की तरह कई संगठन की आवश्यकता है। मैं अपने पाठकों से कुछ सुनना पसंद करूंगा। काश, मैं उनके बारे में जान पाता और उनसे मिल पाता। यह अभिनव भारत के लिए बहुत प्रेरणादायक है, उन्होंने निष्कर्ष निकाला।

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