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एनएलसीएफ में कुशालकर के युग का अंत? संजीव का प्रॉक्सी घोषित हुआ अयोग्य

एक ऐतिहासिक फैसले में आर्बिट्रेटर दीपा शर्मा ने श्रम सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनएलसीएफ़ की वर्तमान अध्यक्ष समेत बोर्ड के कई सदस्यों को अयोग्य करार दिया है। ऐसा लगता है कि संस्था पर कई दशकों से चले आ रहे कुशालकर परिवार का होल्ड समाप्त होगा।

अपने पिता और बड़े भाई के बाद लगातार संजीव कुशालकर तीसरे ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने एनएलसीएफ़ के शीर्ष नेतृत्व पर अपनी पकड़ बनाई हुई है। जुलाई 2019 में सम्पन्न हुये चुनाव, शुरुआत से ही विवादों से घिरा रहा।

बता दे कि संस्था का चुनाव हारने के बाद कई सदस्यों ने चुनाव में हुई गड़बड़ी की शिकायत केंद्रीय रजिस्ट्रार को की थी और अपनी कार्यवाही में केंद्रीय रजिस्ट्रार ने श्रीमती दीपा शर्मा को आर्बिट्रेटर के रूप में नियुक्त किया था जिन्होंने कई सुनवाई के बाद पिछले हफ्ते एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

इस फैसले ने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या एनएलएफ़सी में कुशालकर परिवार का होल्ड समाप्त होगा। फैसले में आर्बिट्रेटर ने एनएलसीएफ़ की चेयरपर्सन एविली मिघितो अवोमी को अयोग्य करार दिया है, जो निवर्तमान चेयरमैन संजीव कुशालकर की प्रॉक्सी मानी जाती हैं।

एनएलसीएफ के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राणा और पांच अन्य निदेशकों को भी अयोग्य ठहराया गया है। इनमें मनसुखलाल गोहेल, सुनीता विलास माली, अविनाश गोतरने, लोलिया सुसान और रमेश रामहुत का नाम शामिल हैं।

आर्बिट्रेटर ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता सहित कई आधार पर निदेशकों को हटाया है। उनमें से कुछ ने लगातार तीन वर्षों तक एजीएम में भाग भी नहीं लिया था – जो कि एमएसएस अधिनियम, 2002 के अनुसार, चुनाव लड़ने की योग्यता के लिए अनिवार्य है।

इस अलावा, आर्बिट्रेटर ने पराजित सदस्यों में से वीवीपी नायर और दिव्य नायर को बोर्ड में निदेशक बनने की अनुमति दी है।

फिलहाल संस्था का अध्यक्ष कौन होगा यह अभी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि कुशालकर खुद संस्था के अध्यक्ष नहीं बन सकते हैं। मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के मुताबिक कोई व्यक्ति लगातार दो टर्म के बाद सहकारी संस्था का अध्यक्ष नहीं बन सकता है।

आर्बिट्रेटर ने दिव्य नायर को अवोमी के स्थान पर फिर से नामांकित किया है। दिव्या गोवा की एक लेबर को-ऑप सोसायटी से ताल्लुक रखती हैं और वीवीपी नायर की काफी करीबी हैं।

आदेश के बाद बोर्ड की पांच सीटें खाली हो गई हैं।

अन्य आठ योग्य निर्देशकों में अमित बजाज, रामशंकर शुक्ला, संजीव कुशालकर, अशोक कुमार डबास, अर्जुनराव बोरुडे, किशोर कुमार, वासुदेवराव टेकम और डी राजा लक्ष्मी का नाम शामिल है।

नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए बोर्ड की बैठक के आयोजन पर चर्चा चल रही है, जबकि जानकार सूत्रों का कहना है कि संजीव कुशालकर मौजूदा निदेशकों पर सामूहिक रूप से इस्तीफा देने और सहकारी निकाय का चुनाव दोबारा कराने पर दबाव डाल रहे हैं।

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