ताजा खबरें

आईआईसीटीएफ समापन समारोह में गोयल हुए उपस्थिति

आईआईसीटीएफ के समापन समारोह के दौरान बोलते हुए,केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मेले की सफलता पर संतोष व्यक्त किया और बताया कि आईआईसीटीएफ़ में 35 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया।

यह कहते हुए कि सहकारी समितियों के विस्तार के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय ढांचा होना चाहिए,गोयल ने सुझाव दिया कि सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों का विपणन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कैसे किया जा सकता है।

इस तरह का आयोजन शायद सहकारी क्षेत्र में पहली बार किया गया है,जिसमें कई वीवीआईपी जैसे राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मंत्री और विदेशी गणमान्य व्यक्ति मेले में शामिल हुए।  11अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा उद्घाटन किए गए मेले में दुनिया भर के सहकरी कर्मियों ने भाग लिया।

आखिरी दिन जब गोयल ने प्रतिभागियों को संबोधित किया, वहां केवल सहकार भारती से जुड़े लोग ही उपस्थित थे। अन्य भारतीय सहकरी संचालकों जैसे फिशकॉफेड के एमडी बीके मिश्रा की अनुपस्थिति खल रही थी। पता लगा कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए)की बैठक में भाग लेने के लिए रवांडा जाना था।

अपने संबोधन में गोयल ने सहकारी क्षेत्र में अनुशासन और व्यावसायिकता का आह्वान किया और सहकारिता आंदोलन के संस्थापक सरदार पटेल को याद किया। उन्होंने सहकारी आंदोलन की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग सहकारी समितियों के सदस्य हैं।

गोयल ने सहकारिता और वैश्विक संदर्भ पर उनके प्रभाव के बारे में कुछ जानकारी भी साझा की।उन्होंने कहा कि12% से अधिक लोग दुनिया की 3 मिलियन सहकारी समितियों में से किसी न किसी का हिस्सा है। वित्तीय सहकारी समितियां दुनिया की13प्रतिशत आबादी की सेवा कर रही हैं,जबकि कृषि सहकारी समितियां वैश्विक कृषि उत्पादन का 50प्रतिशत उत्पादन करती हैं,जो वैश्विक व्यापार के लिए इस क्षेत्र में मौजूद विशाल क्षमता को दर्शाता है।

पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार तीन दिवसीय आईआईसीटीएफ में 75 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए,जिसमें कई विषयगत सत्र आयोजित किए गए थे। उनमें से कुछ में सहकारिता के जरिए वैश्वीकरण,सहकारिता बैंकिंग और वित्तीय समावेशन,सहकारिता के माध्यम से युवा और महिलाओं का सशक्तिकरण और सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र,आदि शामिल थे।

सहकारी समितियों के माध्यम से एग्री-टेक और क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर जैसे विषय,लागत प्रभावी और कुशल सेवा प्रदाताओं के रूप में सहकारिता,सहकारी क्षेत्र में बिग डेटा और साइबर सुरक्षा,मूल्यवर्धन और व्यापार के लिए डेयरी सहकारी अवसर और फार्म यांत्रिकीकरण और इनपुट आपूर्ति/सहकारिता की भूमिका जैसे मुद्दे भी उठाए गए।

इससे पहले,सहकार भारती ने 56 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के उत्पादों के लिए बाजार खोजने में मदद करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा ‘सिंपली देसी‘ का उद्घाटन कराया।

अंतिम दिन भारतीय और विदेशी सहकारी समितियों के लिए विभिन्न को-ऑप क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई। विजेताओं में नेफेड,कैम्पको और यूएलसीसीएस जैसे कुछ प्रमुख को-ऑप्स थे।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close