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सेवा ने महिलाओं के लिए किया शानदार कार्यशाला का आयोजन

गुजरात के अहमदाबाद से आने वाली एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सेवा कोऑपरेटिव फेडरेशन ने हाल ही में भारत में  महिला सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक शानदार कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें लगभग सभी महत्वपूर्ण सहकरी संस्थाएं जैसे एनसीयूआई, एनसीडीसी, इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस एशिया-पैसिफिक (आईसीए-एपी), आईएलओ और 42 महिला सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी गई।

दो दिवसीय कार्यशाला में 21 सहकारी समितियों के प्रतिभागी थे जिनके प्रतिनिधि 12 राज्यों से आए थे, जिनमें पूर्वोत्तर-नागालैंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश शामिल थे। वे कृषि, वित्तीय सेवाओं, हस्तशिल्प और घरेलू देखभाल और बच्चे की देखभाल जैसी सेवाओं सहित विविध सहकरी-क्षेत्रों से आए थे। ईरान के “राह-ए-रोश कोऑपरेटिव” के दो प्रतिभागियों ने भी भाग लिया और महिला सहकारी समितियों के साथ अपने अनुभव साझा किये।

सेवा कोआपरेटिव फेडरेशन की चेयरपर्सन मिराई चटर्जी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा, “भारत में 7 लाख से अधिक सहकारी समितियां हैं, जिनमें 1% से भी कम महिला सहकारी समितियां हैं; हमें एक सक्षम नीतिगत वातावरण की वकालत करके इसे बदलने की जरूरत है जो महिलाओं को हमारे देश के सभी हिस्सों में सहकारी समिति बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए प्रसिद्ध सहकरी-संचालक और सेवा के संस्थापक एलेन ने समझाया, “जब एक महिला अपने गाँव में गाय पालती है, तो उसे एक श्रमिक के रूप में नहीं गिना जाता है। लेकिन जब वह एक डेयरी सहकारी समिति में होती है, तो उसे एक पहचान मिलती है।”

इस अवसर पर एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक ने बताया कि एनसीडीसी की टैग लाइन “पहले सहकारी समितियों की मदद”  है और इस दिशा में हमने अभी तक सहकारी समितियों को 420 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है, जिसमें महिला समितियां  भी शामिल हैं। उन्होंने महिला सहकारी समितियों के लिए उपलब्ध योजनाओं की व्याख्या की, जिसमें नया युवा सहकार स्टार्ट-अप फंड भी शामिल है जो महिलाओं को अनुकूल शर्तों पर ऋण प्रदान करता है।

एनसीयूआई के उपाध्यक्ष जी एच अमीन ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। आईएलओ के निदेशक (सहकारी इकाई) डॉ. सिमेल एसिम प्रमुख वक्ता थे। उन्होंने अपनी  मूल तुर्की में महिला सहकारी समितियों के अनुभवों के बारे में बताया। उन्होंने सेवा की सराहना की और अपने देश में इस तरह के सहकारी संगठन की कामना की।

आईसीए-एपी के कार्यकारी निदेशक श्री बालू अय्यर ने उद्घाटन पैनल में महिलाओं और युवाओं की सहकारी समितियों के अनुभवों को भी साझा किया।

कार्यशाला में जमीनी स्तर की महिला कार्यकर्ताओं के साथ-साथ वित्तीय सेवाओं, डिजिटल अर्थव्यवस्था, विपणन और शासन के कई विशेषज्ञ थे जिन्होंने उनके सामने आने वाली चुनौतियों की बात की।

महिला कार्यकर्ता ने अपने विकास के लिए अपनी कुछ योजनाओं को साझा करके कार्यशाला का समापन किया, जिसमें मार्केटिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करना, व्यावसायिक योजनाएं तैयार करना और एनसीडीसी से वित्त प्राप्त करना और सेवा कोऑपरेटिव फेडरेशन से अपने व्यवसायों के माध्यम से प्रशिक्षण और समर्थन प्राप्त करना शामिल है।

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