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बिस्कोमान चुनाव: सुनील ने शिकायतों से पल्ला झाड़ा

चुनाव के बारे में बिस्कोमान के प्रधान कार्यालय से सूचना न प्राप्त होने की शिकायत पर विपणन सहकारी संस्था यानी बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने सभी शिकायतों से पल्ला झाड़ा।

सुनील ने गुस्से भरे लहजे में कहा कि, “बिस्कोमान चुनाव पारदर्शी तरीके से कराया जा रहा है और हमने चुनाव से जुड़ी जानकारी तीन बार विज्ञापन के रूप में समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाई थी। करीब छ: लोग दिन-रात चुनाव सेल में काम करते हैं ताकि सभी को चुनाव से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त हो सके। चुनाव अधिकारी, जो जिला जज स्तर के अधिकारी हैं, स्वयं चुनाव प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं”।

सुनील ने अपनी प्रतिक्रिया तब साझा कि जब “भारतीयसहकारिता.कॉम” को चुनाव से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हुई। बता दे कि भारतीयसहकारिता.कॉम को चुनाव की जानकारी न प्राप्त होने की कई शिकायतें सदस्यों द्वारा मिली थीं और ये शिकायतें ज्यादातर बिहार के औरंगाबाद जिले से प्राप्त हुई थी।

बिस्कोमान से जुड़े जिले के कई व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रतिनिधियों के चुनाव से संबंधित जानकारी नहीं मिलने से काफी नाराज हैं।

बिहार के औरंगाबाद जिले के अध्यक्षों में से एक ने शिकायत की कि, “बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का कथन सच नहीं है। हम बिस्कोमान में शेयरधारक हैं लेकिन हमें प्रतिनिधियों के चुनाव के बारे में जानकारी से वंचित रखा गया था। इसका मतलब है कि चुनाव प्रक्रिया में हमारी भागीदारी नहीं है”।

“ऐसा पहली बार नहीं हुई है कि हमें चुनाव के बारे में जानकारी नहीं मिली है, बल्कि अतीत में भी हमारा ऐसा ही अनुभव रहा है। समाचार पत्रों में बिस्कोमान द्वारा दिये गए विज्ञापनों में दावा किया गया था कि सूचना स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी गई थी लेकिन हमारी समिति को कभी कोई सूचना नहीं मिली। इसके विपरीत, इफको से हमें हमेशा एक ही पते पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से समय-समय पर जानकारी प्राप्त होती रही है लेकिन बिस्कोमॉन के चुनाव से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली”, उन्होंने रेखांकित किया।

उन्होंने आगे कहा कि बिस्कोमान के अध्यक्ष ने केवल उन सहकारी समितियों को सूचना भेजी है जो उन्हें चुनाव जीताने में मदद करेंगी। संयोग से, औरंगाबाद से प्रतिनिधि के रूप में चुने गए मदेश्वर सिंह और पीयूष राजन उनके करीबी हैं। उन्होंने कहा कि बिस्कोमान में चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से नहीं हो रहे हैं।

औरंगाबाद का जिक्र करते हुए सुनील ने कहा कि सहकारी नेता आपस में लड़ रहे थे और अनावश्यक रूप से प्रधान कार्यालय को दोषी ठहरा रहे हैं। उन्होंने लड़ने वाले सहयोगियों के नामों का भी उल्लेख किया, जिनमें से एक कृष्ण कुमार थे।

उल्लेखनीय है कि प्रतिनिधियों के चुनाव के पहले चरण में बिहार और झारखंड के जिलों से चुने गए 210 प्रतिनिधि चुनाव में भाग लेने के लिए पात्र हैं। अगले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 3 जून से शुरू होगी और मतदान 9 जून को होगा।

पाठकों को याद होगा कि सुनील सिंह को हाल ही में ‘नेफेड’ के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। उन्होंने बिस्कोमान चुनावों में भी विजयी होने का दावा आत्मविश्वास के साथ किया।

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