अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों और क्रेडिट सोसायटियों की शीर्ष सहकारी संस्था नेफकॉब ने हाल ही मेंएनसीयूआई बोर्ड रूम में अपनी बोर्ड की बैठक का आयोजन किया। इस दौरान सदस्यों ने सर्वसम्मति से नेफकॉब का चुनाव 3 फरवरी 2019 को कराने का फैसला लिया है।
कृषि विभाग के पूर्व अधिकारी ओम प्रकाश को चुनाव प्रक्रिया की देखरेख करने के लिए चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर प्रकाश ने भारतीय सहकारिता से बातचीत में कहा कि, “मैं जल्द ही कुछ दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करूंगा।”
नेफकॉब की बोर्ड में लगभग 23 सदस्य होते हैं जिनमें से 19 निदेशकों को चुना जाएगा। राज्य संघों से 9 सीटें हैं जबकि अर्बन कॉपरेटिव बैंकों से 7 सीटें हैं। वहीं क्रेडिट सोसायटी से 2 सीटें हैं। नेफकॉब की बोर्ड में केवल एक सरकारी उम्मीदवार होता है। यह संस्था बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत है।
नेफकॉब के मुताबिक करीब 1800 सहकारी समितियां इसकी सदस्य हैं और उम्मीद है कि सभी इस चुनाव में भाग लेंगी। वहीं बोर्ड की बैठक के दौरान बोर्ड के कुछ सदस्यों ने भारतीय सहकारिता से बात करते हुए कहा कि नेफकॉब चुनाव में उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का निर्णय बैंक की बोर्ड लेती है। इस बोर्ड का कार्यकाल पांच साल का होगा।
वर्तमान में ज्योतिंद्र मेहता नेफकॉब के अध्यक्ष हैं जबकि आर.बी.संदालिया और विद्याधर अनस्कर उपाध्यक्ष हैं। पाठकों को याद होगा कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मेहता दोबारा अध्यक्ष चुने गए थे।
नेफकॉब अपने आखिरी बोर्ड के कार्यकाल में विवादों की वजह से पेंच में फंस गई थी और कुछ हद तक छोटे अर्बन कॉपरेटिव बैंकों और क्रेडिट समितियों की समस्याओं को संबोधित करने में असफल रही।
अतीत में नेफकॉब की बोर्ड में कई प्रतिष्ठित व्यक्ति रहे हैं जैसे श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल, भारत की पूर्व राष्ट्रपति, एच.के.पाटिल, पूर्व पंचायत राज मंत्री, केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु समेत कई अन्य।