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पावर-ठाकरे ने सारस्वत बैंक समारोह में की शिरकत

देश का सबसे बड़ा अर्बन कॉपरेटिव बैंक सारस्वत बैंक की ओर से पिछले शनिवार को मुंबई में आयोजित शताब्दी समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाग लिया। इस भव्य कार्यक्रम में सहकारी क्षेत्र के कई दिग्गज मौजूद रहे।

सौ साल पहले सारस्वत बैंक की स्थापना एक क्रेडिट सोसायटी के रूप में हुई थी जिसका श्रेय जे.के.पारकुलर, एनबी ठाकुर, पी एन वार्ड और एसजी राजध्याक्ष को जाता है। 1933 में इसे अर्बन कॉपरेटिव बैंक में परिवर्तित किया गया और 1950 में बैंक ने अपने गतिविधियों का विस्तार मुंबई से करना शुरू किया। सन् 1978 में सारस्वत बैंक ने विदेशी मुद्रा लाइसेंस प्राप्त किया।

शताब्दी समारोह के अवसर पर बोलते हुए एनसीपी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पावर ने सहकारी बैंकों से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने सहकारी बैंकों के प्रति “धारणा में परिवर्तन” की मांग की और कहा कि सहकारी बैंक जब संकट में होते हैं तो उन्हें बचाने वाला कोई नहीं होता है लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंकों पर सरकार की कृपा बनी रहती है।

पवार ने बताया कि, देश में 70 प्रतिशत से अधिक सहकारी बैंक महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में स्थित हैं।

अपने संबोधन में, उद्धव ठाकरे ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि विमुद्रीकरण से अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई है और इसका जोखिम आम जनता को उठाना पड़ा।

शताब्दी वर्ष में सारस्वत बैंक ने देश के विभिन्न स्थानों में कई उच्च स्तरीय सम्मेलनों का आयोजन किया। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के सायन शैनुखनंद हॉल में बैंक के एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया था।

महाराष्ट्र के नासिक में भी बैंक ने एक कार्यक्रम किया था जिसमें कई दिग्गज लोगों ने शिरकत की थी। इस दौरान कई सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसाइटी के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए नासिक में एक प्रशिक्षण केंद्र भी प्रस्तावित किया था।

पाठकों को याद होगा कि 100 वर्ष पूरे होने के बाद, बैंक की बोर्ड ने 2016-17 वित्त वर्ष के लिए 15 प्रतिशत का विशेष लाभांश देने का फैसला किया था।

बैंक के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए आरबीआई ने सारस्वत बैंक को निजी बैंक में परिवर्तित करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन बोर्ड ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। बाद में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सारस्वत बैंक के अध्यक्ष गौतम ठाकुर ने कहा कि, “सहकारिता, सारस्वत बैंक के डीएनए में है”।

बैंक के अध्यक्ष की कमान अतीत में कई दिग्गज जैसे वी.पी.वर्डे, वी.पी.पंडित, डॉ पी.डब्ल्यू रेगे, डॉ एस पी अडारकर, केंद्रीय उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने संभाली थी। वर्तमान में बैंक के युवा अध्यक्ष गौतम ठाकुर हैं।

बैंक की महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली में 281 शाखाएं हैं और इसका कुल कारोबार 58, 526 करोड़ रुपये का है। शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने के बाद सारस्वत बैंक ने क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड का शुभारंभ किया है।

इस संवाददाता से सारस्वत बैंक के अध्यक्ष गौतम ठाकुर ने कहा कि, “सारस्वत बैंक की सफलता के पीछे बैंक के शेयरधारकों के मजबूत समर्थन, ग्राहकों का विश्वास और कर्मचारियों का समर्पण है।“

 

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