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मल्टी-स्टेट सहकारी समिति के विकास में रुकावट

सेंट्रल रजिस्ट्रार के दफ्तर से नोटिस मिलने के बाद सोलापूर स्थित मौली मल्टी स्टेट कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के अध्यक्ष और उनके सहयोगी पिछले हफ्ते हांफते-हांफते दिल्ली में सेंट्रल रजिस्ट्रार से मुलाकात करने के लिए पहुंचे। उनके आने की वजह मंत्रालय से गया वो नोटिस था जो उन्हें बिना अनुमति नई शाखाएं खोलने हेतु जारी किया गया था।

पाठकों को याद होगा मौली स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी को सेंट्रल रजिस्ट्रार ने बिना अनुमित के शाखा खोलने हेतु नोटिस जारी किया था। यह नोटिस जितेंद्र नगर, उप निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित था। नोटिस में कहा गया “जैसा की हमें पता चला है कि आपकी सोसायटी सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कॉपरेटिव सोसायटी की बिना अनुमति के शाखाएं खोल रही हैं।”

सेंट्रल रजिस्ट्रार ने पिछले सप्ताह कृषि भवन के कक्ष में सुनवाई तय की थी और इस मामले को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए सहकारी समिति के पदाधिकारियों को निर्देश दिया था।

सोसाइटी के अध्यक्ष सुनील बारोड के सहयोगी जो उनके साथ नई दिल्ली में सुनवाई के लिए आए थे और जिन्होंने इस संवाददाता से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “सेंट्रल रजिस्ट्रार के कार्यालय से प्राप्त निर्देश में जानकारी की कमी के कारण ऐसा हुआ है।”

उन्होंने कहा कि हमने मंत्रालय के अधिकारियों से माफी मांगी है और मंत्रालय के स्पष्ट निर्देश के बाद नई शाखाओं को खोलना का काम बंद कर दिया गया है।

“हम दो शाखाएं खोलने की योजना बना रहे थे लेकिन अब हमने काम रोक दिया है। वर्तमान में, महाराष्ट्र में सोसायटी की सात शाखाएं हैं। हालांकि अध्यक्ष बारोड ने इस मामले पर बातचीत करने में रूचि नहीं दिखाई।

पाठकों को ज्ञात होगा कि इससे पहले मल्टी स्टेट कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी बिना केंद्रीय रजिस्ट्रार की अनुमित के शाखाएं खोल सकती थी।

लेकिन हाल ही में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि “मल्टी स्टेट कॉपरेटिव क्रेडिट सोसायटी बिना केंद्रीय रजिस्ट्रार की अनुमति के शाखाएं नहीं खोल सकती हैं।”

इससे पहले, पूरे देश और विशेष रूप से केरल के सहकारी नेताओं ने इस अधिसूचना की आलोचना की है। “इससे पहले हम अनुमति के बिना शाखाएं खोल सकते थे। सरकार सहकारी क्षेत्र को कमजोर करने में लगी है”, एक सहकारी नेता ने कहा।

इस बीच आशीष भुटानी के कार्यकाल में नये सहकारी समितियों का पंजीकरण लगभग रूक सा गया है। एक बात-चीत के दौरान भुटानी ने पहले बने घरों को ठीक करने की बात की थी। उनका इशारा आये दिन समितियों में भ्रष्टाचार की खबरों की ओर था। लेकिन ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के जमाने में नये सहकारिता पर रोक, आंदोलन के लिए बाद में घातक हो सकती है, कई जानकारों ने माना।

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