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इफको ने किसानों के लिए “आईमंडी” ऐप लॉन्च किया

किसानों को कृषि संबंधित बाधाओं से निजात दिलाने के लिए उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने पिछले सप्ताह हरियाणा में “आईमंडी” नाम से एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया है।

इस नए ऐप की विशेषताओं के बारे में बताते हुए इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेन्द्र कुमार ने कहा कि “संक्षेप में, ‘आईमंडी’ एक मोबाइल ऐप है जहां कोई भी व्यक्ति कृषि संबंधित वस्तु ऑर्डर करके 2 प्रतिशत की छूट पा सकता है। इसमें कृषि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अलग से एक ऑप्शन है और इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने इच्छानुसार गाने भी सुन सकता है”।

इस ऐप को सिंगापुर की एक कंपनी ने विकसित किया है और वेंचर कैपिटलिस्ट श्री बी.के.अग्रवाल द्वारा इसका प्रसार-प्रचार किया गया है। इसमें अभी छह सुविधाएं उपलब्ध हैं और जल्द ही हम कई नए फीचर जोड़ेंगे जैसे किसानों से कृषि उपज खरीदना और क्रेडिट पर कृषि उत्पादों की आपूर्ति कराना। इस ऐप के माध्यम से यूजर लाइव टीवी के चैनलों को भी देख पाएंगे”, कुमार ने रेखांकित किया।

इससे पहले इफको एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी ने ट्वीट के जरीए इस खबर को साझा किया और लिखा कि “यह साझा करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आज इफको ने किसानों और कृषि से जुड़े लोगों के लिए ‘आईमंडी’ के नाम से एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया है। इफको के मार्केटिंग डायरेक्टर योगेन्द्र कुमार ने इसे हरियाणा के दादरी स्थित बिरिककाल गांव से लॉन्च किया”।

कुमार ने रेखांकित किया कि “इस ऐप में एक फीचर है जिसका नाम “ज्ञान भंडार” है जहां कृषि से अधारित ज्ञान उपलब्ध है”।

इफको तकनीकी के क्षेत्र में कई सालों से सक्रिय है और इसने पहले भी किसानों के हित में कई मोबाइल ऐपों को लॉन्च किया था।  इफको के एक मोबाइल ऐप के द्वारा संस्था के लगभग 5500 कर्मचारियों को एक प्लेटफार्म पर लाया गया है।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में योगेन्द्र कुमार ने कहा कि “संस्था के एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी नये तकनीक को अपनाने के लिए सैदव इच्छुक रहते हैं और ये उन्हीं की दूरदर्शिता और कठोर परिश्रम का नतीजा है कि आज इफको ने कई मोबाइल ऐप को लॉन्च किया है। कुमार ने इफको बाजार के हेड मनीष गुप्ता की भी प्रशंसा की।

इफको के एक अधिकारी ने बताया कि इफको सहकारी समितियों के लिए भी एक मोबाइल ऐप बना रही है क्योंकि किसानों के साथ संपर्क रखने के लिए सहकारी समितियां बहुत महत्वपूर्ण है। अब तक 3 करोड़ से ज्यादा किसान और हजारों सहकारी समितियां सूचीबद्ध की जा चुकी हैं।

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