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ओमिफ्को: कृभको टीम ने ओमान संयंत्र का किया दौरा

कृभको से जुड़े सहकारी नेताओं ने पिछले सप्ताह ओमान संयंत्र का दौरा किया और उसे देखकर वे काफी प्रभावित थे। गौरतलब है कि ओमिफ्को भारत और ओमान का सयुंक्त उद्यम है। इफको और कृभको जैसी दिग्गज सहकारी कंपनियां भारतीय हितधारकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कृभको के एक निदेशक सुनील कुमार सिंह ने कहा कि ओमिफ्को संयंत्र को देखकर प्रभावित हूं और भारतीय सहकारिता से बातचीत में कहा कि “कैसे संयंत्र का संचालन होता है उसे देखकर काफी खुश हूं”। हमने मस्कट से 200 किलोमीटर दूर सुर की यात्रा की जहां संयंत्र स्थापित है”।

“यह सभी शेयरधारकों के लिए जबरदस्त सहयोग की यात्रा थी। कंपनी अच्छी तरह से काम कर रही है और हितधारक अच्छे काम को देखकर काफी उत्साहित है”, सुनील सिंह ने कहा।

संयंत्र ने अपने अस्तित्व के दस साल से अधिक पूरे कर लिए है और सभी हितधारकों के लिए लाभदायक है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय शेयरधारकों द्वारा निवेश की गई राशि का उन्हें लाभांश के रूप में कई गुना दिया जा चुका है।

कृभको के निदेशकों ने 1990 बैच के आई.एफ.एस अधिकारी इंद्र मणि जो वर्तमान में ओमान सल्तनत में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, से मुलाकात की। कृभको के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह, प्रबंध निदेशक संबाशिव राव, सुनील सिंह समेत ने अन्य बातों के अलावा गैस के मुद्दे पर चर्चा की।

पाठकों को याद होगा कि ओमान में गैस की आपूर्ति का मुद्दा भारत सरकार के लिए समस्याग्रस्त रही है। ओमान के साथ भारत के समझौते के हिसाब से 15 साल तक ओमिफ्को द्वारा उत्पादित यूरिया को निर्धारित कीमतों में खरीदा जाएगा।

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