कृषि

बीटी कॉटन के दाम एक समान तय करेः राधामोहन सिंह

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि चूंकि देश में बीटी कॉटन के बीज के दामों में समानता नहीं थी, इसलिए सरकार ने किसानों के फायदे के लिए हाल में इस मामले में हस्तक्षेप कर कपास बीज मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2015 जारी किया, ताकि देश भर में सभी राज्यों में बीटी कॉटन की समान कीमत निर्धारित हो जाए।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कहा है किसानों को बीटी कॉटन समेत बेहतर गुणवत्ता वाले सभी तरह के बीजों की आपूर्ति में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की भूमिका है। माह्यको मोनसांटों की ओर से 50 कंपनियों को बीटी कॉटन बीज के लाइसेंस देना बीजों के उत्पादन और आपूर्ति में निजी क्षेत्र की भूमिका का उदाहरण है।

पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, श्री सिंह ने कहा कि देश के किसान समुदाय के हितों की रक्षा के लिए कृषि मंत्रालय ने कपास बीज मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2015 जारी किया है। इस आदेश को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत जारी किया गया है, ताकि बीटी कॉटन बीज के मूल्यों का नियमन हो सके। कुछ राज्य सरकारों ने भी किसानों को बीटी कॉटन बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित किए हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि की उनके विभाग ने बीटी कॉटन टेक्नोलॉजी पर एकाधिकार के दुरुपयोग और एमएमबीएल के प्रभुत्व के बारे में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से जांच का भी संदर्भ दिया है ताकि में बाजार में सही प्रतिस्पर्धा हो, पीआईबी के अनुसार।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कपास बीज मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2015 के मुताबिक नौ सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी से बीजों की गुणवत्ता के आधार पर एकमुश्त लाइसेंस शुल्क, रॉयल्टी, ट्रेड मार्जिन और करों को ध्यान में रखते हुए बीजों की बिक्री कीमत की सिफारिश करने को कहा गया है। इस बीच सरकार ने 2016-17 के लिए पूरे देश के लिए बीटी कॉटन की कीमत तय कर दी।

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