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अगले 50 साल के लिए प्रासंगिक बने रहे; नए साल के संदेश में एमडी ने कहा

डॉ यू.एस.अवस्थी

प्रिय मित्रों,

सर्वप्रथम मैं कामना करता हूं कि वर्ष 2016 आप सबके लिए सुख, शांति और समृद्धि का संदेश लेकर आए।

दोस्‍तो, वर्ष 2016 हमारे लिए बहुत खास है क्‍योंकि 3 नवंबर, 2016 को इफको अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में प्रवेश करने जा रही है। इफको के 50 वर्षों के इस सफर में हमने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हम अपने मूल्यों से कभी नहीं डिगे। भारत के किसानों की सेवा और कृषि क्षेत्र की दशा को बदलने का जो संकल्प हमने लिया था, उसके साथ हम मजबूती से खड़े रहे।  किसानों  के प्रति हमारी इसी प्रतिबद्धता का परिणाम है कि आज देश का हर किसान इफको को अपना भरोसेमंद साथी समझता है। पीढ़ी दर पीढ़ी  विकसित हुई भरोसे की यह बुनियाद एक दिन में नहीं बनी। इस विश्‍वास और भरोसे के पीछे हमारे कर्मचारियों के वर्षों के कठिन परिश्रम और सतत् प्रयास की महती भूमिका है।

इफको की जब स्थापना हुई, देश भीषण अन्न-संकट के दौर से गुजर रहा था। देश की  खाद्यान्न की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम आयात पर निर्भर थे। ऐसे हालात से निपटने के लिए जब हरित क्रांति की शुरुआत हुई तो उस समय के दृष्टिसंपन्न नीतिनिर्माताओं ने ऐसी संस्था बनाने के बारे में सोचा जो सहकारिता के सिद्धांतों पर काम करे किन्‍तु उसका प्रबंधन पेशेवर हाथों में हो। आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमनें अपने बनियादी सिद्धान्‍तों और संकल्‍पों पर चलते हुए भारत के किसानों और भारतीय कृषि की स्‍थिति में सकारात्‍मक बदलाव लाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। पचास साल पहले जहॉं हमारा देश अपने लोगों का पेट भरने के लिए आयातित अन्‍न की तरफ़ टकटकी लगाए देख रहा था वहीं आज हम अनेक किस्‍म के अन्‍न और फल दूसरे देशों को निर्यात कर रहे हैं।

मजबूत इरादे और दृढ़ इच्‍छाशक्‍ति के साथ 57 सहकारी समितियों के छोटे-से कारवां से इफको का जो सफर शुरू हुआ था वह आज 36,000 सहकारी समितियों के एक विशाल परिवार का रुप ले चुका है। आज हमारी गिनती दुनिया के बड़े उर्वरक उत्‍पादकों में की जाती है। हम देश ही नहीं बल्‍कि देश से बाहर भी अनेक प्रकार के औद्योगिक उत्‍पादनों से जुड़े हैं। लेकिन, इन उपलब्‍धियों से हमें संतुष्‍ट होकर नहीं बैठना चाहिए अपितु आने वाले समय की चुनौतियों को भांपते हुए हमें उसके लिए पर्याप्‍त तैयारी करनी होगी।

अगले 50 साल इस बुलंदी पर कायम रहते हुए निरंतर प्रासंगिक बने रहना हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। ये चुनौतियॉं अनेक प्रकार की हैं। उर्वरक सब्‍सिडी की प्रतिपूर्ति, देश की राजस्‍व नीति, वैश्‍विक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन, मृदा स्‍वास्‍थ्‍य, जलवायु परिवर्तन आदि कुछ ऐसे बाहरी कारक हैं जिनपर हमारा नियंत्रण नहीं है, लेकिन ये हमारे अस्‍तित्‍व को प्रभावित कर सकते हैं।  पारदर्शिता, जिम्‍मेदारी, खर्च कटौती, पुनराविष्‍कार, प्रशिक्षण व विकास तथा संचार जैसे अंदरूनी कारक संगठन की दिन- प्रतिदिन की कार्यप्रणाली के लिए काफी महत्‍वपूर्ण हैं।

आज दुनिया जिस रफ्तार से बदल रही है, ऐसी रफ्तार पिछले पचास सालों में पहले कभी नहीं देखी गई। ऐसे में यदि हम रफ्तार के साथ नहीं चल पाए तो हमारे जैसे सहकारी संगठनों को प्रासंगिक बने रहना काफी मुश्‍किल होगा किन्‍तु जिस तरह से हमारे संगठन ने प्रगति की है और लगातार अपनी कार्यशैली में सुधार किया है उससे मुझे विश्‍वास है कि हम अपने रास्‍ते में आने वाले बदलाव का सामना दृढ़तापूर्वक करने में सक्षम होंगे।

पिछले वर्ष हमारे संयुक्‍त उद्यम: ओमइफको ने दस एवं इफको-टोक्‍यो ने पंद्रह वर्ष पूरे कर लिए हैं। ये दोनों ही कंपनियां काफी अच्‍छा कारोबार कर रही हैं। जहॉं तक जॉर्डन स्‍थित हमारी सहयोगी कंपनी जिफ्को की बात है, युद्ध प्रभावित इलाकों के बीच स्‍थित होने के बावजूद अपने बहादुर इंजीनियरों एवं कर्मचारियों की बदौलत यह उम्‍दा प्रदर्शन कर रही है।

हमारे लिए गौरव की बात है कि पिछले वर्ष हमारे संयुक्‍त प्रबंध निदेशक श्री राकेश कपूर अन्‍तरराष्‍ट्रीय उर्वरक संघ (आईएफए) के उपाध्‍यक्ष चुने गए। इस महत्‍वपूर्ण पद पर उनके चुने जाने से हमें अन्‍तरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनी बात मजबूती से पहुंचाने का अवसर मिलेगा। इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस(आईसीए) ने भी हमारे प्रयासों को सम्‍मानित करते हुए अपनी रिपोर्ट “वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर 2015’’ में (प्रति व्यक्ति जीडीपी के आधार पर) इफको को दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी समितियों में पहला स्थान दिया है।

पिछले वर्ष हमने जापान की जानी-मानी कंपनी मित्‍सुबिशी ग्रुप के साथ मिलकर इफको एमसी क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक संयुक्‍त उद्यम कंपनी का गठन किया है। भारतीय भरोसे और जापानी तकनीकी विशेषज्ञता के संगम से बनी यह कंपनी भारत के किसानों को पर्यावरण हितैषी एवं उच्‍च गुणवत्‍तायुक्‍त कीटनाशक एवं खरपतवारनाशी उत्‍पाद उचित कीमत पर उपलब्ध कराएगी।

इस वर्ष हमारी संस्था को राष्ट्रीय व अन्‍तरराष्‍ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार  प्राप्त हुए। हमारी इकाइयों और विपणन प्रभाग को विभिन्न श्रेणियों में अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए  जो उत्पादन, ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण, विपणन और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग में उनकी उत्कृष्ठता का सूचक  है । 

मैं, हमारे अध्यक्ष श्री बी एस नकई, हमारे उपाध्यक्ष श्री एन.पी. पटेल तथा इफको के निदेशक मंडल के सम्मानित सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने प्रगति के सफर में हमारा मार्गदर्शन किया। मैं, भारत सरकार, विशेष रूप से उर्वरक विभाग, कृषि, सहकारिता एवं किसान विकास मंत्रालय तथा हमारे संयुक्त उद्यम साझेदारों तथा पूरे विश्व में हमारी सहयोगी संस्थाओं व उनकी सरकारों का भी आभारी हूं जिन्होंने समय-समय पर अपना मूल्‍यावान सहयोग दिया। मैं, भारतीय तथा अन्‍तरराष्‍ट्रीय मीडिया, अपने आपूर्तिकर्ताओं, बैंकरों तथा परामर्शदाताओं के सहयोग के लिए उनका भी धन्यवाद करता हूँ। इसके साथ-साथ मैं   इफको के सभी सदस्यों, कर्मचारी यूनियन तथा इफको आफिसर्स एसोसिएशन का भी आभार व्यक्त करता हूं। मैं, अपनी सदस्य सहकारी समितियों, विशेष रूप से विपणन महासंघों का भी उनके सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद करता हूं जिनके माध्यम से हम पूरे भारतवर्ष के लगभग 5 करोड़ किसानों की सेवा कर रहे हैं।

अन्‍त मे पुन: आप सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

 

 

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