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सरकार का आदेश खारिज, बिजेन्द्र एनसीसीएफ में वापस

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के आदेश को खारिज कर, राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह और उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को एनसीसीएफ का कार्यभार संभालने की अनुमति प्रदान की है।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा “हां यह सही है और मैं कार्यभार संभालने के लिए गुरुवार को एनसीसीएफ भी गया था।

अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि एमएससीएस की धारा 122 और 123 के तहत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के निवारक की अनुमति नहीं है और केवल बोर्ड को ही हटाया जा सकता है।

पाठकों को याद होगा कि अप्रैल 2015 को सरकार ने बहुराज्य सहकारी समितियों अधिनियम, 2002 की धारा 122 के तहत निर्देश जारी किये थे। एनसीसीएफ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के परिणाम के कुछ समय बाद ही एनसीसीएफ में प्रशासकों की नियुक्ति की गई थी।

सरकार का कहना था कि एनसीसीएफ के निदेशक श्री विजय कुमार सिंह द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई थी।

उच्च न्यायालय ने मामले की सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से जांच किए जाने की जरूरत समझी थी।

आरोप था कि नई दिल्ली स्थित प्रिया उपभोक्ता सहकारी दुकान और मुंबई स्थित जनता केंद्रीय सहकारी दुकान का प्रतिनिधित्व श्री बिजेन्द्र सिंह और विरेन्द्र सिंह करते है और दोनों ने एनसीसीएफ के उपनियम 5 (सी) और 25 (अ) के तहत एनसीसीएफ के निदेशक मंडल का चुनाव सही प्रक्रिया के जरिए नहीं हुआ था।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में एनसीसीएफ के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि इस तरह के मामलों में केवल सामान्य निकाय ही सक्षम प्राधिकारी है। हम उसके फैसले का सम्मान करते है, उन्होंने कहा।

हालांकि श्री सिंह ने केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के इस मुद्दे पर नरमी बरतने का स्वागत किया। मुझे नहीं लगता कि वे अब फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, उन्होंने कहा।

लेकिन सबसे बड़ा मुद्दे ये है कि सहकारी संस्था एनसीसीएफ आर्थिक रूप से काफी कमजोर है और उसे कैसे लाभांवित किया जाए इसके बारे में सोच-विचार करने की बहुत आवश्यकता है। हम प्रबंध निदेशक के सहयोग से एनसीसीएफ को आर्थिक रूप से मजबूत करने का प्रयास करेंगे, उन्होंने रखांकित किया।

  

 

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