कृषि

पीएमकेएसवाई योजना पर आईएएस अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

भारत के सभी भारतीय सेवा अधिकारियों (आईएएस/आईएफएस) के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) का प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम 24 अगस्त, 2015 को पुणे स्थित राष्‍ट्रीय जल अकादमी में शुरू किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन महाराष्‍ट्र सरकार के अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव (कृषि) डॉ. डी के जैन ने किया। भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव डॉ. अमिता प्रसाद ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।

संयुक्‍त सचिव (कृषि) डॉ. संजीव चोपड़ा ने पीएमकेएसवाई की समग्र समीक्षा की और इसकी संभावना के बारे में बताया। साथ ही उन्‍होंने जिला सिंचाई योजना (डीआईपी) के लिए पीएमकेएसवाई से संबंधित पठन सामग्री और प्रशिक्षण नियम पुस्तिका जारी की।

हाल ही में शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) केंद्रीय योजना के तहत भारत के सभी सेवा अधिकारियों (आईएएस/आईएफएस) के हालिया तीन बैच के प्रशिक्षण का निर्णय लिया गया है।

इस क्रम में पश्चिमी राज्‍यों महाराष्‍ट्र, गोवा, गुजरात और राजस्‍थान के साथ पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन का जिम्‍मा राष्‍ट्रीय जल अकादमी (एनडब्‍ल्‍यूए) को दिया गया है। इस कार्यक्रम में 20 आईएएस/आईएफएस अधिकारी हिस्‍सा ले रहे हैं।

अपने मुख्य संबोधन में डॉ. अमिता प्रसाद ने सिंचाई के नए तरीकों की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्होने जल संसाधनों पर दबाव को ध्‍यान में रखते हुए फायदेमंद होने की स्थिती में पारंपरिक जल संपरिवर्तन दुबारा शुरू करने की बात कही। डॉ. जैन ने पानी के प्रयोग में सावधानी बरतने पर और दुर्लभ जल संसाधनों के प्रयोग हेतू विवेकपूर्ण ढंग से फसलों में बदलाव पर जोर दिया।

खेतों में सिंचाई के लिए निवेश का अभिसरण, सुनिश्चित सिंचाई के तहत बुवाई क्षेत्र का विस्‍तार (हर खेत को पानी), पानी की बर्बादी कम करने लिए उपलब्‍ध जल के सावधानीपूर्वक प्रयोग में सुधार, किफायती सिंचाई के प्रयोग और दूसरी पानी बचाने की तकनीकों को अपनाना (प्रति बूंद अधिक खेती), जलदायी स्‍तर के रिचार्ज को बढ़ाना और किफायती सिंचाई तंत्र में निजी निवेश को आकर्षित करके दीर्घकालिक जल संरक्षण के तरीकों में विस्‍तार करना पीएमकेएसवाई के मुख्‍य उद्देश्‍य हैं।

 

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