इफकोएनसीडीसीएनसीयूआई

एनसीयूआई, इफको और एनसीडीसी बागवानी संगम में

बिहार के मोतिहारी जिलें में पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की मेजबानी में आयोजित राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के वार्षिक उत्सव “होर्टी संगम” में दिल्ली के कई सहकारी नेताओं का जमावाड़ा देखने को मिला। गौरतलब है कि मोतिहारी श्री सिंह का चुनावी क्षेत्र भी है।

यह कार्यक्रम तीन दिवसीय था और इस कार्यक्रम की थीम सहकारिता पर आधारित थी। इसमें एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश, इफको के निदेशक और अधिकारी प्रेमचंद्र मुंशी, इफको के संयुक्त जीएम योगन्द्र कुमार सहित अन्य लोगों ने शिरकत की। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में कृभको का कोई भी प्रतिनिधि वहां उपस्थित नहीं था।

गौरतलब है कि समारोह का आयोजन शहर के गांधी मैदान में किया गया। जिसमें किसानों और पैक्स के सदस्यों की बड़ी संख्या देखने को मिली। एक अनुमान के अनुसार कार्यक्रम में 7000 से अधिक किसानों और जिलें में सक्रिय 400 पैक्स सोसाइटियों के अधिकांश लोगों ने इसमें भाग लिया।

इस मौके पर डॉ दिनेश ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कराने में सहकारी संस्थाओं ने अहम भूमिका निभाई है। अन्य देशों से तुलना की जाए तो बगवानी उत्पाद की कीमत के मामले में भारत बहुत पिछे है।

इफको के निदेशक प्रेमचंद्र मुंशी का फेसबुक पोस्ट समारोह की फोटो से भारा था। मुंशी ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि “मृदा जीर्णेद्धार एवं उत्पादकता विचार संगोष्ठी” का आयोजन मोतिहारी के गांधी मैदान में किया गया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और इफको, एनसीयूआई आदि द्वारा प्रायोजित किया गया। कार्यक्रम का आखिरी दिन इफको संगोष्ठी द्वारा समापन किया गया।

डॉ अजय कुमार सिंह, एसएमएम, इफको, बिहार और जाने-माने कृषि वैज्ञानिक ने अपने भाषण में बिहार राज्य में कृषि और सहकारिता के परिद्रश्य पर प्रकाश डाला, मुंशी के एफ.बी. पोस्ट के अनुसार।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में डॉ दिनेश ने कहा कि बिहार में 100 पंचायतों के 8400 पैक्स सोसाइटियों ने हिस्सा लिया। सहकारी समितियों और होर्टी किसानों के बीच सार्थक संबंध के जरिए बागवानी किसानों की बेहतर स्थिति की कामना की जा सकती है, डॉ दिनेश ने कहा।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close