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क्या रुपए बैंक की गुत्थी सुलझेगी?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने सहकारी आयुक्त से रूपए सहकारी बैंक को पुनरजीवत करने के लिए एक ताजा प्रस्ताव मांगा है।

महाराष्ट्र के नए सहकार मंत्री चंद्रकांत पाटिल बैंक को वापस पटरी पर लाने के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे है। उन्होनें अखबार के प्रतिनिधि से कहा कि मैं इस सिलसिले में भारतीय रिजर्व बैंक से बात करूंगा। गौरतलब है कि अतीत में आरबीआई ने रूपए सहकारी बैंक के विलय के दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया था।

सहकार मंत्री ने सूचना दी कि रुपए बैंक को कॉरपोरेशन बैंक के साथ विलय का प्रस्ताव जल्द ही रखा जाएगा।

पाठकों को याद होगा कि चंद्रकांत पाटिल ने नफकब के अध्यक्ष डॉ मुकुंद अभ्यंकर को रुपए सहकारी बैंक के पुर्नद्धार की पेशकश रखी थी।

लेकिन अभ्यंकर ने बैंक को फिर से मजबूत बनाने एवं बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए पाटिल के सामने कुछ शर्तें रखी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें बैंक में दो से तीन निदेशकों की नियुक्ति की आजादी मिलनी चाहिए। गौरतलब है कि रुपए बैंक के साथ लगभग छह लाख लोगों का भविष्य जुड़ा है और इस बैंक की करीब 36 शाखाएं है।

बैंक की देनदारी को लेकर अभ्यंकर ने कहा था कि मैनें पाटिल से 300 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता बिना ब्याज देने का आग्रह किया है और कहा है कि मैं ये पैसा जल्द ही चुका दूंगा।

जो भी हो चंद्रकांत पाटिल ने आश्वासन दिया है कि इस सप्ताह के अंत तक कोई अच्छी खबर मिल सकती है। इस बीच जमाकर्ता अपनी मेहनत की कमाई को वापस लाने के लिए धरना प्रर्दशन कर रहे है।

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