आवास

आवास सहकारी समितियों की ओर सरकार उदासीन

मुंबई में हाउसिंग सोसायटी का अपना कुछ नहीं है – यह कोई ब्रेकिंग खबर नहीं है. ये समितियां राज्य शासन के नियमों के उल्लंघन से निपटने के लिए मजबूर हैं क्योंकि सरकार इससे किनारा कर रही है. आवास सहकारी समितियां संपत्ति कर और जल कर के रूप में राज्य के खजाने को भारी राजस्व देती हैं – यह एक विडंबना है.

न्याय पाने के लिए एक दूसरे कानूनी कदम के रूप में चेतक सहकारी हाउसिंग सोसायटी ने निर्माण फर्म – संधू बिल्डर्स के खिलाफ अपील दायर की है.

शक्तिशाली बिल्डर लॉबी के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक और हाउसिंग सोसायटी की एक समिति के सदस्य ने डेवलपर द्वारा अपने जीवन को एक कथित धमकी के लिए पुलिस में शिकायत (एफआईआर) दायर की है.
[विस्त्रित खबर = indiancooperative.com पर देखें]

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