इफको

सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के पक्ष में

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ अवस्थी ने सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण का मुद्दा उठाया है और सहकारी समितियों के कार्यों में कंप्यूटर के व्यापक उपयोग का आह्वान किया है.

भारतीयसहकारिता.कॉम इसे इफको के प्रबंध निदेशक द्वारा इसे समय पर उठाए गए कदम के रूप में देखता है और इसकी प्रशंसा करता है क्योंकि सहकारी कार्यालयों के अधिकांश अफसर अठारहवीं सदी के लगते हैं जहां फाइलों के बंडल कछुआ चाल से एक से दूसरे मेज पर पहुंचती हैंं.

संघर्षरत डा अवस्थी ने ट्वीट किया : #iffco ने पहले से ही ही अपने लागत पर यूपीपीसीएफ को कम्प्यूटरीकृत कार्यक्रम दे दिया है. हम सहकारी समितियों में कंप्यूटरीकरण का समर्थन करते हैं.”

हर दूसरे दिन होने वाले सहकारी सेमिनार में भूमंडलीकरण से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के विचार व्यक्त करने से कभी नहीं थकते. लेकिन वे विकास के मौलिक उपकरण भूल जाते हैं. एक विद्वान डॉ योगेन्द्र तिवारी, जो सहकारी समितियों के अध्ययन के लिए समर्पित हैं, का मानना है कि आप विकास के नवीनतम उपकरण के उपयोग से ही विकसित हो सकते हैं.

दिल्ली में विभिन्न राष्ट्रीय सहकारी संघों के कार्यालयों पर एक सरसरी नज़र डालने से लगता है कि सहकारी समितियों को कंप्यूटर के युग में प्रवेश की आवश्यकता को समझाना होगा.

दिल्ली से बाहर जाने पर एक सहकारिता के कम्प्यूटरीकरण के मामले में कल्पना करना मुश्किल नहीं है. एक तत्काल आवश्यकता है कि बडी सहकारी समितियां छोटी की मदद करना शुरू करें और प्रौद्योगिकी के मामले में विश्व स्तर के होने के लिए क्षेत्र की मदद करें.

इस संवाददाता ने अब तक पाया है कि इफको के प्रबंध निदेशक का डेस्क सबसे साफ रहता है. लेकिन इसके साथ ही इफको मुख्यालय में कई अन्य लोग एमडी के नक्शेकदम पर चलने में असफल हैं.

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