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चीनी सहकारिता द्वारा आयात शुल्क को बढ़ाने की मांग

कुछ व्यापारियों ने भारतीय बाजार में चीनी के सस्ते आयात से देश के खुदरा बाजार को प्रभावित किया है, इसलिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना फेडरेशन आयात शुल्क को 60 प्रतिशत बढ़ाने की मांग केंद्रीय सरकार से कर रहा है क्योंकि यह अनुचित व्यापार व्यवहार है।

भारतीय चीनी उत्पादन एक उच्च प्रतिस्पर्धी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जीवित नहीं रह सकते हैं, इसलिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना फेडरेशन का कहना है कि केंद्रीय सरकार उन्हें 800 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। महासंघ के अनुसार यह कदम बाह्य चुनौती से निपटने में उनकी क्षमता को मजबूत करेगा।

महासंघ के अध्यक्ष विजय सिंह मोहिते पाटिल ने भी केन्द्रीय सरकार से देश में स्वीटनर के 50 लाख टन के बफर स्टाक बनाने का आग्रह किया है। श्री पाटिल ने केंद्रीय सरकार को बताया कि पहले भी ऐसी ही स्थिति में एक बफर स्टॉक बनाया था जो कि फायदेमंद साबित हुआ था।

पाटिल ने कहा कि यदि सरकार चीनी कारखानों को सब्सिडी घटक की पेशकश करे तो देश के अधिशेष चीनी को निर्यात करके किसानों को भी पैसे कमाने का लाभ मिल सकता है ।

पाटिल के अनुसार महाराष्ट्र के चीनी उद्योग, केंद्रीय और राज्य सरकारों दोनों को पर्याप्त करों का भुगतान करता है और अब यह चीनी क्षेत्र एक गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है इसलिए अब उनका हस्तक्षेप करना जरुरी है। इस संदर्भ में उनके संगठन ने केंद्रीय सरकार से बात करने के लिए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से आग्रह किया है, श्री पाटिल ने कहा।

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