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मंत्रालय का निर्देश: नेफेड के बाद अब एनसीसीएफ की बारी, एनसीयुआई भी कतार में

एनसीसीएफ ने गुरुवार को एनसीयुआई सभागार में उपनियमों में कुछ परिवर्तन को लेकर वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया।

एनसीयुआई में व्याख्याता घोटाले और नेफेड में साझेदारी से घाटे के कारण कोऑपरेशन मंत्रालय सतर्क हो गया। मंत्रालय ने सहकारी संगठनों को गड़बड़ी को सुधारने के लिए शीर्ष सहकारी महासंघों से अपने कामकाज की शैली को सुधारने के लिए पत्र लिखकर पूछा था।

मंत्रालय के विचार को बताते हुए केन्द्रीय रजिस्ट्रार ने एनसीयुआई और नेफेड सहित सभी को पत्र लिखकर उनसे अध्यक्ष के कार्यकारी शक्ति में कटौती के लिए कहा। एनसीयुआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह ने पहले से ही मंत्रालय को एक पत्र लिख अपनी शक्ति छोड़ दी थी। उपनियमों में आवश्यक परिवर्तन किए जाने हैं, हालांकि यह अभी लंबित है।

नेफेड गंभीर वित्तीय संकट में है और उससे सरकार ने एक राहत पैकेज की जरुरत है। इसके लिए उपनियम कानून में संशोधन किया गया है।

अब एनसीसीएफ की बारी थी, भारतीय सहकारिता से बात करते हुए एनसीसीएफ के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि उपनियम 35(ए)(बी)(सी), 35(बी)(आई) में संशोधन किया गया है।

श्री सिंह ने कहा कि ऐसा मंत्रालय की इच्छा का सम्मान करने के लिए किया गया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि इन संशोधनों से अध्यक्ष की शक्ति को कम करके शक्तियों को निदेशक मंडल को स्थानांतरित कर दिया गया है।

श्री वीरेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि इस परिवर्तन से सहकारी नेताओं के अहं को चोट लग सकती है लेकिन उनकी शक्ति में कोई कमी नही आएगी।

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