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एनसीसीएफ के साइलो बैग के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी

एक महत्वाकांक्षी योजना में हम अपने अनाज की रक्षा कैसे कर सकते है के राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ(एनसीसीएफ) के कदम को भारत सरकार द्वारा हरी झंडी मिल चुकी है।

भारतीय सहकारिता से बात करते हुए एनसीसीएफ के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि हमने आसानी से संभालने और अनाज के भंडारण पर कम लागत के उपाय की खोज की है। हम साइलो बैग को उपयोग में लेने का विचार किया है जो कि व्यावहारिक रूप से कम लागत के साथ अनाज को स्टोर कर सकते हैं।”

भारत में पहली बार साइलो बैग को प्रयोग में लाते हुए वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह अनाज संग्रहीत करने का सुरक्षित, किफायती और लाभदायक तरीका है। साइलो बैग को अनाज के अनुकूल तैयार किया जा रहा हैं, इसे फसल की कटाई के क्षेत्र या अन्य किसी जगह के लिए भी इसे पसंद किया जा सकते हैं।

इस बैग के इस्तेमाल की प्रक्रिया प्रभावी, कम लागत और आसानी से मशीन द्वारा परिवहनीय है, यह अनाज के पॉलीथीनेस की तीन परत से हवा और प्रकाश से बचाकर रखता है।

बैग की क्षमता के संदर्भ में अध्यक्ष ने कहा कि इसमें 220 टन तक जमा कर सकते हैं और खुले में 12 महीने के लिए रखा जा सकता है। बैग को खेत पर कहीं भी लंबे समय तक संग्रहीत रखा जा सकता है, यह अच्छी तरह से सूखा और नुकीली वस्तुओं के प्रभाव से मुक्त है।

अन्य प्रभावशाली विशेषताएं हैं कि इसे लगभग 200 टन प्रति घंटे में हैडर या चेज़र बिन से भरा जा सकता है और पर आउटलोडर द्वारा 180 टन प्रति घंटे से खाली किया जा सकता है।

एनसीसीएफ का प्रस्ताव सरकार ने स्वीकार कर लिया है और एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करके इस पर आगे विचार करने के लिए किया गया था। पैनल ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट दी है। इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर अगले 10 वर्षों में अतिरिक्त अनाज भंडारण की आवश्यकता की योजना को प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक को दृश्य में रखकर तैयार करने के लिए गठित किया गया था।

वर्तमान और भविष्य में खाद्यान्न उत्पादन और खरीद का आकलन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि सरकार साइलो बैग(कम लागत, हवा-रहित, विशाल आकार के पॉलिथीन बैग जो कि 200 टन तक स्टोर कर सकते हैं) के रूप में नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग फसल के मौसम के दौरान अस्थायी भंडारण की जरूरतों को पूरा कर सकते है।

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