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सहकारी बैंक सुंदर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं

सहकारी बैंक, शिक्षाविदों और हितधारकों के साथ यूरोपीय सहकारी सप्ताह में ब्रुसेल्स में इस हफ्ते सार्थक सम्पर्क स्थापित करेंगे।

दुनिया में स्थायी और समावेशी विकास में सहकारी बैंकों की भूमिका चर्चा का मुख्य विषय होगा।

इटली के प्रोफेसर जियोवनी फेरी के मुताबिक सहकारी अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने के लिए नए कदम उठाए जाएँगे। विकास के लिए एक नए मॉडल की जरूरत है और सहकारिता इसका समाधान हो सकता है।

प्रोफेसर फेरी के अनुसार, सहकारी अर्थव्यवस्था, एक आपातकालीन निकास हो सकता है, लेकिन यह भी बाजारीकरण का एक तरीका है।

चर्चा के दौरान पैनल को नीतिगत निर्णय लेने वालों को सुनना होगा। प्रोफेसर फेरी ने दृष्टि को बदलने पर जोर दिया और कहा कि सहकारी विरोधी अर्थव्यवस्थाओं को भी इन नीतिगत निर्णयों से प्रभावित होना होगा।

प्रोफेसर के अनुसार, सहकारी अर्थव्यवस्था एक स्थायी और समावेशी विकास की गारंटी है और विकास का एक सुंदर मॉडल है, यह भविष्य की पीढ़ियों और समाज के सभी वर्गों के लिए एक विशेष जिम्मेदारी के साथ कार्य़ करने में सक्षम हो सकता है।

एकदिवसीय सम्मेलन में यूरोप के सहकारी बैंकों के अधिकारियों से इसकी चर्चा करेंगे की यूरोपीय संघ के सहकारी बैंक अन्य बैंकों से कैसे अलग हैं।

इस सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा होगी कि कैसे सहकारी बैंकों को अर्थव्यवस्था में सामाजिक लक्ष्यों के साथ संचालित किया जाना चाहिए।

सौजन्य: आईसीए समाचार हब

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