मत्स्यपालनविशेष

सहकारिता के माध्यम से मछुआरों की सामाजिक सुरक्षा

10 मिलियन मछुआरे हैं और उनकी शीर्ष सहकारी महासंघ FISHCOFED मछली क्रांति की अगुआई के लिए तैयार है.  भारत सरकार मत्स्य पालन सहकारी समितियों को सभी की मदद उधार देने को तैयार है ताकि मछुआरे के भाग्य बदल सकें.  यह वाक्य हैं  केंद्रीय  कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत के जो Fishcofed के एक समारोह में गुरुवार को नई दिल्ली में बोल रहे थे है. वह मछुआरों के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को तेज करने की जरूरत के लिए Fishcofed पर बल दे रहे थी.  कार्यक्रम में Fishcofed के अध्यक्ष प्रकाश लोनारे, प्रबंध निदेशक बीके मिश्रा, एनसीडीसी के कार्यकारी निदेशक, Fishcofed के वाइस चेयरमैन, Fishcofed के निदेशक और कई दूसरों ने भाग लिया.

हालांकि राज्य स्तरीय 25 परिसंघ हैं, केवल 17 Fishcofed के सदस्य हैं.  श्री बी.के. मिश्रा का आश्वासन दिया है कि सभी राज्य महासंघों को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा.  हम नहीं भूलना चाहिए कि मछुआरे असली स्वामी हैं और हम केवल उनके सेवक हैं. हमारे प्रशिक्षण की वर्तमान दर से 10 मिलियन मछुआरों को प्रशिक्षित करने के लिए 250 साल लगेगें. उन्होंने सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए सबके आगे आने का आह्वान किया जिससे कि इतना है कि मछुआरों का जीवन स्तर सुधर सके.

 

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