केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से अपील की है कि वे देश में छोटी जोत वाले किसानों की विशाल संख्या देखते हुए उनकी जरूरतों के हिसाब से तकनीक विकसित करें और उनके प्रसार पर जोर दें। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कासरगोड, केरल स्थित केन्द्री य रोपण फसल अनुसंधान संस्थाीन के शताब्दी समारोह समापन कार्यक्रम में कही।
सिंह ने कहा कि केरल में कृषि जोत, राष्ट्रीय औसत 1.15 हेक्टेयर के मुकाबले 0.22 हेक्टेयर है, इसलिए खेती को लाभकारी बनाने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली फसलें अपनाने की जरूरत है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नारियल के साथ काली मिर्च, केला, जायफल, अनानास, अदरक, हल्दी्, जिमीकंद को शामिल कर बहु फसलचक्र प्रणाली अपनाने से प्रदेश के किसानों का लाभ होगा।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत, दुनिया के अग्रणी नारियल उत्पादक राष्ट्रों में शामिल है। इसमें केरल का योगदान उल्लेखनीय है । वर्ष 2014-15 में केरल का 32 प्रतिशत क्षेत्रफल और 24 प्रतिशत उत्पादन देश में अंकित किया गया है। कोकोनट डेवलेपमेन्ट बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015-16 में नारियल उत्पादों का कुल 1450 करोड़ रूपये का निर्यात किया गया है।